पटना में मोदी की रैली में धमाका करने वाले आतंकी से जुड़े एंटीलिया केस के तार, तिहाड़ में कैसे रची साजिश?

mumbai police has sent for forensic analysis the car and gelatin sticks found in it near industriali

1 / 2Mumbai Police has sent for forensic analysis the car and gelatin sticks found in it near industrialist Mukesh Ambani residence

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उद्योगपति मुकेश अंबानी के एंटीलिया आवास के बाहर खड़ी कार से जिलेटिन बरामद होने की घटना को लेकर तिहाड़ कनेक्शन आने के बाद दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट ने जांच तेज कर दी है। गुरुवार रात तिहाड़ में छापेमारी के दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने इंडियन मुजाहिदीन के खूंखार आतंकी के बैरक से मोबाइल फोन सीज किया। यह छापेमारी तिहाड़ में गुरुवार रात करीब तीन घंटे तक चली। बता दें कि जिस आतंकी के पास से मोबाइल सीज किए गए हैं, वह पटना में मोदी की रैली के दौरान ब्लास्ट में शामिल था।

इस मोबाइल से एक्टिवेट हुआ था टेलीग्राम:
सुरक्षा एजेंसियों ने जेल नंबर-8 में छपेमारी कर इंडियन मुजाहिदीन के कुख्यात आतंकी तहसीन अख्तर के बैरक से मोबाइल सीज किया। इस मोबाइल से टेलीग्राम चैनल एक्टिवेट किया गया था। बरामद मोबाइल से टोर ब्राउज़र के जरिए वर्चुअल नम्बर क्रिएट किया गया और फिर टेलीग्राम अकाउंट बनाया गया था। इसके बाद धमकी भरा पोस्ट तैयार कर उसे टेलीग्राम के जरिये भी भेजा गया था।  मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल अब तहसीन अख़्तर को जेल से रिमांड पर लेकर इस मामले में सघन पूछताछ करेगी।  

26 फरवरी को बना था टेलीग्राम चैनल
सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि गत 26 फरवरी को संदेश भेजने के लिए टेलीग्राम का यह चैनल बनाया गया था। यह जानकारी भी मिली है कि इसे टीओआर नेटवर्क के जरिए बनाया गया था, जो कि डार्क वेब को ऐक्स्सेस करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

एक अन्य मोबाइल नंबर है एजेंसी के रडार पर
तकनीकी जांच के दौरान जिस एक अन्य मोबइाल नंबर को संदेह के दायरे में रखा गया है, उसे लेने वाले शख्स की भी सरगर्मी से तलाश की जा रही है। यह दूसरा मोबाइल नंबर भी स्पेशल सेल की रडार पर है। अबतक की तफ्तीश के मुताबिक यह मोबाइल नम्बर पिछले साल सितंम्बर में एक्टिववेट हुआ था और बाद में इसे बंद कर दिया गया था।  स्पेशल सेल सूत्रों के मुताबिक, दो मोबाइल नम्बर फर्जी दस्तावेजों के जरिए खासतौर पर तिहाड़ में बंद लोगों के लिए खरीदे गए थे।

नए नंबर लेने वाले दोनों हैं तिहाड़ में
अबतक की जांच में यह खुलासा हुआ है कि जिन दो नंबरों की जांच की जा रही है, वे दोनों ही नंबर तिहाउ़ में बंद दो कैदियों ने मंगाए थे। फर्जी दस्तावेजों पर आधारित इस नंबर को लेने वाले शख्स की भी पुलिस तलाश कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिरकार वह शख्स है कौन, जो जेल में बंद लोगों के लिए काम कर रहा है। तिहाड़ में इस तरह से गोलबंदी करने वाले छह कैदी फिलहाल सेल की राडार पर हैं, जिन्हें लेकर जांच की जा रही है।

2014 में दबोचा गया था तहसीन अख्तर:--
इंडियन मुजाहिदीन ((आईएम)) का आतंकी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू को पश्चिम बंगाल और नेपाल की सीमा पर स्थित काकरविट्टा में वर्ष- 2014 में गिरफ्तार किया था। अख्तर को पटना ब्लास्ट का मास्टरमाइंड कहा जाता है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक उसी के इशारे पर नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान धमाके किए गए थे।

वह बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला है। वह आईएम चीफ यासीन भटकल के बाद संगठन की कमान संभाल रहा था। तहसीन दिल्ली में भटकल की मदद से हथियारों की फैक्ट्री लगाने वाला था। तहसीन अख्तर, पटना के गांधी मैदान में पीएम नरेंद्र मोदी की रैली में बम धमाके, हैदराबाद में  ब्लास्ट, बोधगया बम धमाकों में शामिल रहा है।