अवसर को पहचाने और खुद को मंजिल तक पहुंचाएं
success mantra

बहुत समय पहले की बात है। एक बिजनेसमैन के चार बेटे थे। जब चारों बड़े हो गए तो बिजनेसमैन ने संपत्ति की जिम्मेदारी अपने बेटों को सौंपने का विचार किया। वह ऐसे बेटे को सारी संपत्ति का मालिक बनाना चाहता, जो इसकी अहमियत समझे। बिजनेसमैन ने सभी चारों को अपने पास बुलाया और सभी को पांच-पांच धान के बीज दिए। उन्होंने कहा कि वह पांच साल बाद इसके बारे में पूछेंगे और जिसके जवाब से संतुष्ट होंगे उसे संपत्ति दी जाएगी।

पहले बेटे ने उन बीजों को थोड़ी देर बाद ही फेंक दिया। उसने सोचा कि जब पिता पांच साल बाद इसके बारे में पूछेंगे तो वह दूसरे धान के बीज दिखा देगा। आखिर कोई अंतर कैसे कर पाएगा। 

दूसरे बेटे ने उसमें से चावल के दाने निकाल कर खा लिया। उसने भी यह फैसला किया जब पांच साल बाद मांगा जाएगा तो वह अन्य दाने दे देगा। 

तीसरे बेटे ने उसे एक चांदी के डिब्बे में पैक करके रख दिया। वह रोज इस डिब्बे की पूजा करता। उसने सोचा कि जब पिता जी इसके बारे में पूछेंगे तो वह उन्हें निकालकर दिखा देगा। वह लगातार पांच साल तक ऐसा करता रहा। 

अब आई चौथे बेटे की बारी। वह उन धान के बीज को अपने खेत में लेकर गया और उसे बो दिया। जितनी भी फसल होती, वह उसे दोबारा बो देता और इस तरह पांच साल बाद काफी मात्रा में चावल इकट्ठा हो गया। 

पांच साल पूरे होने के बाद पिता ने चारों बेटों को अपने पास बुलाया और धान के बीज के बारे में पूछा। सभी के जवाब सुनने के बाद पिता ने तय कि वह अपनी संपत्ति चौथे बेटे को देगा क्योंकि उसने उन धान के बीजों का सही तरीके से इस्तेमाल किया था। 

संक्षेप में: हर अवसर का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहिए। जब भी आपके पास काफी कम चीजें हों तो सोचना चाहिए कि आखिर कैसे अधिक से अधिक लाभ उठाया जा सकता है। इसी तरह यदि आपके पास कम पैसे हैं तो दुखी न हों, उसी रकम का इस्तेमाल करके ज्यादा से ज्यादा धन अर्जित करने के बारे में सोचें।