लक्ष्मी रतन शुक्ला का इस्तीफा ममता के लिए बड़ा झटका? CM बोलीं- निगेटिव तरीके से न लें
mamata banerjee and laxmi ratan shukla

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी में उनके साथी एक-एक करके साथ छोड़ते जा रहे हैं। अब हावड़ा उत्तर से विधायक और पश्चिम बंगाल के युवा और खेल मामलों के राज्य मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे पर बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा है कि इसे निगेटिव तरीके से नहीं लिया जाना चाहिए। हालांकि, शुक्ला से पहले ममता के पुराने साथी रहे शुभेंदु अधिकारी भी पार्टी से अलग हो चुके थे।

पूर्व क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कोई भी इस्तीफा दे सकता है। उन्होंने अपने त्यागपत्र में कहा है कि वे खेल को ज्यादा समय देना चाहते हैं और विधायक पद पर बने रहेंगे। इसे निगेटिव तरीके से मत लें। शुक्ला ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा भेजा है और उन्होंने इसकी एक प्रति राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भी भेजी है। मंत्री पद से इस्तीफा सौंपते हुए लक्ष्मी रतन शुक्ला ने त्यागपत्र में लिखा है कि वह राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं। पूर्व क्रिकेटर शुक्ला बंगाल की रणजी टीम के पूर्व कप्तान भी रह चुके हैं। उन्होंने टीम इंडिया के लिए तीन वनडे मैच खेलते हैं। इसके अलावा, आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स, दिल्ली डेयरडेविल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के लिए भी खेल चुके हैं।

लक्ष्मी रतन शुक्ला का इस्तीफा ममता के लिए कितना बड़ा झटका?
बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार में लक्ष्मी रतन शुक्ला न सिर्फ विधायक हैं, बल्कि खेल राज्य मंत्री भी बनाए गए। उन्होंने साल 2016 में हुए बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले टीमएसी का दामन थामा था और फिर ममता बनर्जी ने उन्हें हावड़ा उत्तर से टिकट दिया। चुनाव में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की। शुक्ला ने कांग्रेस के उम्मीदवार संतोष कुमार पाठक को हावड़ा उत्तर सीट से पराजित किया था। इसके बाद, जब ममता बनर्जी ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उन्होंने शुक्ला को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए मंत्री पद दिया। अब पांच साल बाद शुक्ला ने अपने मंत्री पद से उस समय इस्तीफा सौंपा है, जब ममता बनर्जी की टीएमसी को अपने नेताओं की सख्त जरूरत थी। ममता की पार्टी उस दौर से गुजर रही है, जहां पर एक-एक करके कई साथी मुख्यमंत्री का साथ छोड़ते जा रहे हैं। वहीं, कुछ समय पहले पूर्व टीएमसी नेता शुभेंदु अधिकारी भी दावा कर चुके हैं कि पार्टी के कई नेता चुनाव आते-आते टीएमसी से अलग हो जाएंगे।

शुभेंदु अधिकारी भी छोड़ चुके हैं ममता बनर्जी का साथ
पिछले महीने बंगाल के मिदनापुर में हुई एक रैली में शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी का साथ छोड़ते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया था। यह रैली केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की थी। इसमें शाह ने टीएमएसी, कांग्रेस और सीपीआईएम के 72 नेताओं को पार्टी में शामिल करवाया था। विधायकों में शुभेंदु अधिकारी, तापसी मंडल, अशोक डिंडा, सुदीप मुखर्जी, सैकत पंजा, शीलभद्र दत्ता, दीपाली बिस्वास, शुक्र मुंडा, श्यामपदा मुखर्जी, विश्वजीत कुंडू और बंसारी मैती शामिल थे। इसके अलावा, पूर्व बर्द्धमान से टीएमसी सांसद सुनील मंडल और पूर्व सांसद दशरथ टिर्के भी बीजेपी में शामिल हुए थे। इस रैली के बाद, शुभेंदु के भाई सौमेंदु भी बीजेपी में शामिल हो गए थे। सौमेंदु को हाल ही में ममता बनर्जी सरकार ने नगर निकाय के प्रशासक पद से हटा दिया गया था। इस मौके पर शुभेन्दु अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सौमेंदु को हटाना बदले की भावना से उठाया गया कदम था।

कब होने हैं बंगाल विधानसभा के चुनाव?
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव इस साल अप्रैल-मई महीने में होने हैं। इसके लिए, तृणमूल कांग्रेस, बीजेपी समेत राज्य के सभी दलों ने तैयारियां शुरू भी कर दी हैं। बीजेपी लगातार अपने दिग्गज नेताओं को पश्चिम बंगाल भेज रही है। पिछले महीने, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य का दौरा किया था। इस दौरान, उन्होंने रोड-शो भी किया, जिसमें भारी भीड़ आई थी। वहीं, इस महीने पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह फिर से बंगाल का दौरा करने वाले हैं। माना जा रहा है कि पिछली बार के मुकाबले इस बार का चुनाव मुख्य तौर पर टीएमसी और बीजेपी के बीच में होने जा रहा है। हालांकि, टीएमसी के लिए चुनाव की रणनीति बना रहे रणनीतिकार प्रशांत किशोर दावा कर चुके हैं कि बीजेपी राज्य में दो अंकों को भी पार नहीं कर पाएगी।