रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमन मुकेश अंबानी एक बार फिर एशिया सबसे बड़े रईस नहीं रहे। बोतलबंद पानी और वैक्सीन बनाने वाली चीनी कंपनी के मालिक झोंग शानशान भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ते हुए एशिया के सबसे धनी व्यक्ति बन गए हैं। इतना ही नहीं अब शानशान दुनिया के टॉप 10 अमीरों की लिस्ट में छठे नंबर पर पहुंच गए हैं। दुनिया के शीर्ष 10 में आने वाले वे दूसरे चीनी अमीर हैं। इससे पहले चीनी प्रापर्टी टाइकून वांग जियानलिन ने 2015 में 8 वां स्थान हासिल किया था। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही शानशान ने भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी से सबसे अमीर एशियाई होने का खिताब छीना था। एक दिन में उनकी संपत्ति में 7 अरब डॉलर से भी अधिक का इजाफा हुआ है। उनकी रफ्तार अगर ऐसी ही रही तो फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग भी उनसे पीछे छूट जाएंगे। उधर एलन मस्क दूसरे नंबर पर हैं और दुनिया के सबसे बड़े रईस अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस का ताज छीनने के करीब पहुंच रहे हैं।
शानशान वॉरेन बफे से भी आगे निकले
चीन के बोतलबंद पानी के विक्रेता झोंग शानशान अब दुनिया के छठे सबसे बड़े अमीर बन गए हैं। नोंग्फू स्प्रिंग कंपनी के चेयरमैन अब वॉरने बफे से भी आगे निकल गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स के मुताबिक शानशान की संपत्ति इस साल 13.5 अरब डॉलर बढ़कर मंगलवार को 91.7 अरब डॉलर पर जा पहुंची। वॉरेन बफे के पास अभी 86.2 अरब डॉलर की संपत्ति है। 66 वर्षीय झोंग शानशान की कंपनी के शेयर 2021 के शुरुआती दो दिनों में 18 फीसदी चढ़ गए। उनकी कंपनी के शेयरों के भाव में गत सितंबर में उनके आईपीओ की सूचीबद्ध होने से अब तक 200 फीसदी का उछाल दर्ज हो चुका है। बुधवार को 0.7 फीसदी का इजाफा हो चुका था।
दुनिया के टॉप-10 अमीरों की ताजा लिस्ट
रैंकिंग | रईस | नेटवर्थ (अरब डॉलर में) |
1 | जेफ बेजोस | 187.6 |
3 | एलन मस्क | 161.4 |
2 | बर्नार्ड अर्नाट एंड फैमिली | 149.7 |
4 | बिलगेट्स | 119.8 |
5 | मार्क जुकरबर्ग | 99.5 |
7 | झोंग शानशान | 93.8 |
6 | लैरी एलिशन | 86.5 |
8 | वॉरेन बफेट | 86 |
9 | लैरी पेज | 76.7 |
10 | सर्गी ब्रिन | 74.6 |
11 | अमानिको अर्टेगा | 74.4 |
12 | मुकेश अंबानी | 74.0 |
बता दें मुकेश अंबानी को साल जाते-जाते दूसरा झटका दे गया । पहले दुनिया के शीर्ष 10 अमीरों की सूची से बाहर हुए और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति होने का खिताब भी हाथ से निकला गया है। हालांकि जनवरी में ही चीन के झोंग शानशान से उन्होंने अपना ताज वापस पा लिया था पर एक बार फिर यह ताज उनसे छिन गया है। फोर्ब्स के रियल-टाइम बिलियनेयर रैंकिंग्स के मुताबिक शानशान 14वें से अब 6वें स्थान पर पहुंच गए है, जबकि अंबानी 12वें पायदान पर हैं। बता दें कि फोर्ब्स के रियल-टाइम बिलियनेयर रैंकिंग्स से हर रोज पब्लिक होल्डिंग्स में होने वाले उतार-चढ़ाव के बारे में जानकारी मिलती है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में शेयर बाजार खुलने के बाद हर 5 मिनट में यह इंडेक्स अपडेट होता है. जिन व्यक्तियों की संपत्ति किसी प्राइवेट कंपनी से संबंधित है, उनका नेटवर्थ दिन में एक बार अपडेट होता है।
एक साल में सात अरब डॉलर बढ़ी सम्पत्ति
ब्लूमबर्ग की सूची के मुताबिक, साल 2020 में जांग शानशान की सपत्ति में सात अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है, जिसके चलते उनकी कुल संपत्ति बढ़कर 77.8 अरब डॉलर हो गई है। इस बढ़ोतरी ने उन्हें एशिया का सबसे अमीर शख्स बना दिया है। वहीं, मुकेश अंबानी की संपत्ति 76 अरब डॉलर है। वहीं दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में उनका नंबर 11वां हो गया है। जिस तेजी से उनकी सम्पत्ति बढ़ी है वह इतिहास में सबसे तेज है। यही नहीं एक साल पहले चीन के बाहर उनका कोई नाम नहीं जानता था लेकिन आज उन्होंने अमीरों के क्लब में अपना झंडा गाड़ दिया है।
शेयर बाजार में सूचीबद्ध होते बदली किस्मत
शेयर बाजार में जांग की कंपनियां सूचीबद्ध होते ही उनकी किस्मत बदल गई है। शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद से अब तक नॉन्गफू स्प्रिंग की कीमत में 155 प्रतिशत का उछाल आया है जबकि वांटई बॉयोलॉजिकल के शेयरों में 2000 प्रतिशत की भारी बढ़त देखी गई। ब्लूमबर्ग ने उन्हें दुनिया में सबसे तेजी से अपनी संम्पत्ति में इजाफा करने वाली सूची में भी जगह दी है।
अमीरी के पीछे कोरोना भी वजह
वैसे ये बात भी चौंकाने वाली है कि जांग शानशान के आगे निकलने के पीछे कोरोना भी बड़ी वजह है। उनकी कंपनी वांटई बॉयोलॉजिकल कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों में शामिल है। कंपनी के शेयरों में उछाल की ये भी एक बड़ी वजह है। इस सप्ताह जांग की कंपनी नोंगफू के शेयर चरम पर पहुंच गए जब सिटी बैंक के विश्लेषकों ने कहा कि कंपनी ने बाजार का अपना प्रभुत्व मजबूत किया है और नकदी का प्रवाह बना हुआ है। जांग शानशान के अमीरों की लिस्ट में आगे निकलने की एक वजह चीन की दिग्गज टेक कम्पनियों पर सरकार की बढ़ती निगरानी भी है जिसके चलते इन कम्पनियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।