शी जिनपिंग को असहमति बर्दाश्त नहीं, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने कार्यकर्ताओं के मुंह खोलने पर लगाया बैन
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100वीं वर्षगांठ की ओर बढ़ रही चीन की सत्ताधारी कम्युनिष्ट पार्टी ने अपने 9.2 करोड़ सदस्यों के लिए नियमों में बदलाव कर दिया है। अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंट चुके चीन ने अपने सदस्यों के सार्वजनिक रूप से मुंह खोलने पर बैन लगा दिया है। शी जिनपिंग की पार्टी ने साफ कर दिया है कि यदि किसी सदस्य ने सार्वजनिक रूप से कोई असहमति प्रकट की तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि, पार्टी काडर्स को यह अधिकार दिया गया है कि वे निकम्मे नेताओं को हटाने की मांग कर सकते हैं। 

माओ जेडोंग की ओर से 1921 में गठित कॉम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी), जिसने 1949 में सत्ता हासिल की, जुलाई में पार्टी की 100वीं वर्षगांठ को भव्य तरीके से मनाने की तैयारी कर रही है। सीपीसी सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली दुर्लभ मार्क्सवादी पार्टी है। पार्टी में लोकतंत्र बढ़ाने के नाम पर बदले गए नियमों में जानकारी हासिल करने के लिए गाइडलाइंस के साथ यह भी बताया गया है कि आतंरिक रूप से शिकायतें कैसे करें। 

नए नियमों में यह साफ कर दिया गया है कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं से असहमति बर्दाश्त नहीं करेगी, खासकर सार्वजनिक रूप से शिकायत करना। नए नियम में कहा गया है, ''जब एक पार्टी सदस्य निंदा करता है, खुलासा करता है या बरताव या सजा की अपील करता है तो उसे संगठन के चैनल का इस्तेमाल करना चाहिए। उसे खुले तौर पर इंटरनेट पर प्रसारित ना करे या झूठे आरोप ना लगाए।''

आर्टिकल 16 में कहा गया है कि पार्टी सदस्य ऐसे विचार सार्वजनिक रूप से ना दें जो सीपीसी की सेंट्रल कमिटी के फैसलों से अलग हों।'' हांगकांग स्थित साउथ मॉर्निंग पोस्ट रिपोर्ट के मुताबिक कैडर को प्रेरित करने के प्रयास के तहत कहा गया है कि काम से संबंधित गलतियों को अब अनुशासन उल्लंघन के रूप में नहीं माना जाएगा। एक अन्य नियम के अनुसार, पार्टी के सदस्य अपने नेताओं को हटाने का प्रस्ताव करने के हकदार होंगे यदि वे साबित कर सकते हैं कि वे अक्षम हैं।