एक्सपर्ट्स से जानें बदलते मौसम और बढ़ती ठंड में कैसे रखें बच्चों का ध्यान, काम आएंगे टिप्स
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देश के उत्तरी हिस्से में जबरदस्त बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश तथा सर्द हवाओं ने बुंदेलखंड की हृदयस्थली झांसी को भी अपनी गिरफ्त में लिया है और ऐसे में बच्चों का विशेष ख्याल रखने की बात बाल रोग विशेषज्ञ डॉ़ ओम शंकर चौरसिया ने कही है।

यहां महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में बालरोग विभागाध्यक्ष डॉ चौरसिया ने यूनीवार्ता से रविवार को खास बातचीत में कहा कि बच्चों की रोगप्रतिरोधक क्षमता किसी भी तरह के एक्स्ट्रीम मौसम के लिहाज से कमजोर होती है और कड़ाके की ठंड में उनका विशेष ख्याल रखा जाना बेहद जरूरी है। ऐसे में जितना जरूरी बच्चों को ढककर गर्म कपड़ों में रखना है उतना ही आवश्यक उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने वाला सुपाच्य भोजन देने का भी है। बच्चों को हरी सब्जियां और फल अवश्य दें। पोषक तत्वों से भरपूर ताजा और गर्म खाना इम्यूनिटी को बढ़ाने में सहायक होता है।

इस मौसम में सर्दी ,खांसी और बुखार बच्चों में आमबात है लेकिन कारोना काल को देखते हुए इसको लेकर माता पिता को विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत है। बच्चों के साथ बाहर, बेहद जरूरी होने पर ही बाहर जाएं। कान और नाक में संक्रमण ठंड के कारण सबसे पहले होता है इसलिए घर में भी ज्यादा ठंड होने पर नाक और कान को ढ़क कर रखें। 

सर्दी में गले और सीने में भी तकलीफ बहुत जल्दी होती है इसके लिए बच्चों को हमेशा गुनगुना पानी ही दें । पैरों के तलवों से होकर ठंड पूरे शरीर को बुरी तरह प्रभावित करती है और बच्चे अकसर नंगे पैर भागते दौड़ते हैं इन सब चीजों सें उन्हें बचाना बेहद जरूरी है। पैरों में गर्म मोजे और जूते हमेशा पहनाएं लेकिन अच्छी धूप आने पर पैरों और हाथों को सूर्य की रोशनी में कुछ समय खुला भी छोड़ें जिससे बच्चों की विटामिन डी की जरूरत भी सर्दियों में पूरी होती रहे।

पैरों की तरह ही बच्चों के सिर को भी ठंड से बचाना जरूरी होता है , बाहर निकलने से पहले टोपी जरूर पहनायें। बढती सदीर् में बच्चों में कोल्ड डायरिया और सांस लेने में तकलीफ जैसी दिक्कतें बढ़ गयी हैं। ऐसे में जिन बच्चों को किसी तरह की एलर्जी है या जो पहले से अस्थमेटिक हैं उनको सांस लेने में तकलीफ जैसी दिक्कतें काफी बढ जाती हैं । ऐसे बच्चों को थोड़ा भी इंफेक्शन होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है। 

बाहर निकलने पर बच्चों को भी जरूरी तौर पर मास्क लगायें। मास्क के इस्तेमाल ने न केवल कोरोना वायरस बल्कि कई तरह की मौसमी बीमारियों की चपेट में आने से भी बचाव होता है। ज्यादा तेज ठंड में शरीर का इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है और बच्चों के मामले में ऐसा बहुत होता है। 

यदि परिवार मे या किसी बाहर से आये व्यक्ति को सदीर् जुखाम हो तो बच्चों को उससे दूर रखें। बच्चों को शारीरिक और दिमागी रूप से चुस्त बनायें रखने के लिए उनको हल्के व्यायाम करायें और इसकी आदत उनमें डालने की कोशिश करें।

डॉ़ चौरसिया के अनुसार मौसम के अनुसार ढलने में बच्चों को कुछ समय लगता है और जिनकी रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उनके लिए तो हालात और खराब होते हैं ऐसे में जबरदस्त ठंड में बच्चों को सक्रिय रखते हुए बचाव करने के प्रभावी प्रयास करना जरूरी है। कोरोना काल में “ सावधानी ही बचाव है ” इस बात को मानना और अपने जीवन में उतराना बेहद जरूरी है।