छठे दौर की वार्ता पर योगेंद्र यादव ने कहा- अभी तो पूंछ निकली है, हाथी निकलना अभी बाकी
yogendra yadav

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दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 37वें दिन भी जारी है। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है।  

ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।

LIVE UPDATES 

- दिल्ली : स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों के ये आंदोलन अब निर्णायक दौर में हैं, 30 तारीख की वार्ता के बारे में मैं इतना ही कहूंगा कि अभी तो पूंछ निकली है, हाथी निकलना अभी बाकी है। MSP को कानूनी अधिकार मिलने और तीनों कृषि कानूनों को खारिज करने पर सरकार टस से मस नहीं हुई है। 4 तारीख (4जनवरी) को हमारी वार्ता है, अगर परिणाम संतोषजनक नहीं निकलते हैं तो 6 तारीख को KMP राजमार्ग पर मार्च किया जाएगा। 6 तारीख से 20 तारीख तक 2 हफ्ते पूरे देश में देश जागृति अभियान चलाया जाएगा।

- पलवल : नए कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर अटोंहा में धरने पर बैठे किसानों ने शुक्रवार शाम साढ़े चार बजे कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के पलवल टोल प्लाजा को फ्री करवा दिया। इसके बाद किसान कुंडली-मानेसर-गाजियाबाद (केएमजी) एक्सप्रेस-वे के पलवल टोल प्लाजा को फ्री करवाने जा रहे हैं। किसान महेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि जब तक कृषि कानूनों को सरकार वापस नहीं लेती है तब तक पलवल में भी हरियाणा की तरह टोल प्लाजा फ्री रहेंगे। 

- गाजीपुर : यूपी गेट बॉर्डर पर आज एक किसान गल्तान सिंह पंवार (57) की मौत हो गई। वह गांव भगवानपुर नागल, जिला बागपत के रहने वाले थे। गल्तान सिंह आंदोलन में शुरू से ही शामिल थे। मौत की वजह अभी साफ नहीं हो सकी है। मौत का कारण हार्ट अटैक माना जा रहा है। तबीयत खराब होने पर आज उन्हें अस्पताल लेकर गए थे जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

- गाजीपुर : नए कृषि कानूनों के खिलाफ यूपी गेट पर जारी किसान आंदोलन में किसानों के बीच पहुंचे रालोद नेता जयंत चौधरी, राकेश टिकैत के साथ की वार्ता। 

- गाजीपुर : भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानून वापसी और MSP पर कानून की मांग कायम है। 4 जनवरी को होने वाली बैठक में फिर वार्ता होगी। सरकार ने पिछली बैठक में अनुरोध किया कि 4 में से 2 मांग मान ली गई हैं इसलिए धरना समाप्त कीजिए, लेकिन किसानों ने मना कर दिया। आज फिर किसान संगठनों की बैठक है। नई साल है,  इसलिए नई उम्मीदें हैं। 2020 पूरे देश पर भारी रहा, लेकिन उम्मीद है कि नए साल से किसानों और देशवासियों की समस्याएं दूर होंगी। सरकार को कानून वापस लेने होंगे। MSP पर कानून भी बनाना होगा। पूरे देश का किसान देख रहा है कि दिल्ली के धरने में क्या हो रहा है और क्या होगा।

- दिल्ली : टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन 37वें दिन भी जारी है। नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े किसानों ने नए साल पर अर्द्ध नग्न होकर विरोध-प्रदर्शन किया।

- दिल्ली : किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे लोगों के लिए 'खालसा यूथ ग्रुप' द्वारा सिंघु बॉर्डर पर पगड़ी लंगर का भी आयोजन किया गया। इस दौरान अनेक लोगों को पगड़ी बांधी गई।

- दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन के बीच किसानों ने नई साल के पहले दिन सिंघु बॉर्डर पर नगर कीर्तन का आयोजन किया। 

- कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा ने बताया कि तीनों कृषि कानून रद्द होने चाहिए, अगर 4 जनवरी को इसका कोई हल नहीं निकलता तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज होगा।

- किसानों के विरोध के कारण नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली आने वाले यातायात के लिए चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर बंद हैं : दिल्ली ट्रैफिक पुलिस

पटियाला से दो दोस्त करीब 250 किलोमीटर साइकिल चलाकर टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल होने जा रहे हैं। परमिंदर सिंह ने बताया कि हमें सिर्फ टिकरी बॉर्डर दिख रहा है, जहां हमारे भाई-बहन बैठे हैं। मैं लोगों से अपील करता हूं कि नया साल किसानों के साथ मनाएं। 

बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों - द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।