जेल में आसाराम की फोटो लगाकर कंबल बांटने में दोषी जेल अधीक्षक और जेलर पर कार्रवाई तय, तीन अन्य को नोटिस
action on jail superintendent and jailor convicted for distributing blankets by putting photo of asa

शाहजहांपुर जेल में एक संस्था द्वारा समारोह में आसाराम बापू का बैनर लगाकर कंबल बांटने के मामले में जेल अधीक्षक राकेश कुमार, जेलर राजेश राय और चार जेलकर्मी दोषी पाए गए हैं। इस प्रकरण की जांच बरेली सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक व रेंज के प्रभारी डीआईजी आरएन पांडेय ने की है। श्री पांडेय ने जांच रिपार्ट जेल मुख्यालय को भेज दी है। डीजी आनन्द कुमार बताते हैं कि अभी उन्हें जांच रिपोर्ट नहीं मिली, लेकिन उनका कहना है कि प्रकरण में जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

21 दिसम्बर को शाहजहांपुर जेल में एक संस्था की मदद से बन्दियों को कम्बल दिए गए थे। संस्था के बैनर में जेल में अबन्द आसाराम बापू की फ़ोटो थी। साथ ही कम्बल वितरण में शामिल लोग जेल में पहले बन्द थे। इस कार्यक्रम का फ़ोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर डीजी आनन्द कुमार ने प्रकरण की जांच रेंज डीआईजी आरएन पांडेय को सौंपी थी। जिसमें अधीक्षक व जेलर का अलावा चार जेलकर्मी दोषी पाए गए हैं। इनमें एक जेलजर्मी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई और अन्य तीन के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जबकि अधीक्षक व जेलर के खिलाफ कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट डीजी को भेजी है।

ये है पूरा मामला

21 दिसंबर को शाहजहांपुर जेल में शहर की बिटिया से दुष्कर्म के मामले में जोधपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा आसाराम के अनुयायी कार्यक्रम करने को लेकर पहुंचे थे।  जेल में पहुंचने के बाद आसाराम के अनुयायियों ने कई कार्यक्रम किए। इसके बाद उनहोंने आसाराम का फोटो लगावाकर कंबल वितरण किया और आसाराम का गुणगान कर चले गए थे। इस मामले के बाद से जेल कर्मी घिरते चले गए। हालांकि मामले को लेकर जेल के अफसर बचाव करते नजर आए थे। उन्होंने कहा था कि जेल में केवल कंबल वितरण हुआ था किसी का फोटो नहीं लगाया गया।