ठेकेदार अजय त्यागी को महिला ने चप्पल से पीटा

मुरादनगर। श्मशान हादसे के मुख्य आरोपी ठेकेदार अजय त्यागी को एक महिला ने चप्पलों से पीटा। महिला का आक्रोश इतना था कि पुलिसकर्मियों को धक्का देकर उसने त्यागी पर दो बार चप्पल मारी। महिला ने तीसरी बार भी प्रयास किया, लेकिन पुलिस कर्मियों ने अपने हाथ से घेरा बनाकर आरोपी को वहां से निकाल लिया। यह घटना मंगलवार की दोपहर अदालत में पेश करने से ठीक पहले एमएमजी अस्पताल में मेडिकल कराने के वक्त की है।

जानकारी के मुताबिक आरोपी को मुरादनगर कोतवाली पुलिस आरोपी को लेकर करीब ढाई बजे मेडिकल कराने के लिए एमएमजी अस्पताल पहुंची थी। करीब दस मिनट बाद डॉक्टरों ने उसकी जांच कर रिपोर्ट दे दी। इतने में अस्पताल में मौजूद सभी लोगों को खबर हो गई कि हादसे का मुख्य आरोपी अस्पताल में मौजूद है। इसलिए उसे देखने के लिए काफी लोग जमा हो गए। जैसे ही पुलिस आरोपी को लेकर अस्पताल से अदालत के लिए निकली, लोग आरोपी को भद्दी भद्दी गालियां देने लगे। इतने में ही भीड़ को चीरते हुए एक महिला ने चप्पल निकली और एक के बाद एक चप्पल आरोपी के सिर पर बजाती दीं। पुलिस ने महिला को हटाया, लेकिन 30 सेकेंड बाद एक बार फिर महिला दौड़ती हुई आई और पीछे से आरोपी के सिर पर दो बार चप्पल दे मारी।

मृतक जयराम की बेटी है पूनम

आरोपी अजय त्यागी को चप्पलों से पीटने वाली महिला पूनम मृतक जयराम की बेटी है। इस हादसे में पूनम के पति कृष्णपाल भी जख्मी हुए हैं। पूनम ने बताया कि उसके पिता के अंतिम संस्कार के लिए लोग इकट्ठा हुए थे। उसके पति भी कंधा देने के लिए आए थे। जो इस हादसे में गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस ने जब पूनम को रोकने का प्रयास किया तो उसने सवाल किया कि क्या यह आरोपी 25 लोगों की जान वापस लौटा सकता है। क्या यह घायलों का जीवन सुधार सकता है। यदि यह ऐसा नहीं कर सकता तो इसे भी जीवित रहने का कोई हक नहीं है।

लोगों में दिखा आक्रोश

एमएमजी अस्पताल में मेडिकल के दौरान आरोपी के खिलाफ लोगों में खूब आक्रोश दिखा। हालात ऐसे बन गए कि यदि पुलिस ने अपने हाथों का घेरा नहीं बनाया होता तो लोग वहीं पर उसे पीट पीट कर मार डालते। आरोपी भी लोगों के आक्रोश को देखते हुए चेहरा छिपा कर और झुक कर चल रहा था।

कड़ी सुरक्षा में हुई पेशी

अस्पताल में आरोपी के ऊपर हमला और लोगों के आक्रोश को देखते हुए आरोपी की सुरक्षा बढ़ा दी गई। आनन फानन में नगर कोतवाली से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर आरोपी को सुरक्षा दी गई। अस्पताल से ही कड़ी सुरक्षा में उसे अदालत पहुंचाया गया। जहां मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर दोबारा कड़ी सुरक्षा में जेल ले जाया गया।