देसी शराब के रेट बढ़ाने से ठेकेदारों में रोष, सचिव से मिले

प्रदेश में देशी शराब के दामों में 25 प्रतिशत की वृद्धि से शराब कारोबारियों में रोष है। ठेकेदारे का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को सचिवालय में आबकारी सचिव से मिला। जहां उन्हें अपनी 14 मांगों को एक ज्ञापन दिया। ठेकेदारों ने उनकी अनदेखी का1234 भी आरोप विभाग पर लगाया। प्रदेश भर के सभी जिलों से आए ठेकेदारों ने सचिव को बताया कि देशी शराब के दाम बढने से एक पव्वा 75 रुपये का हो गया है। जबकि बिक्री ना होने से अंग्रेजी का एक पव्वा 70 रुपये में बेचा जा रहा है। ऐसे में देशी की बिक्री बुरी तरह प्रभावित होगी। जबकि कुल राजस्व का 35 प्रतिशत देशी से ही आता है।

उन्होने आरोप लगाया कि इससे डिस्टलरियों को लाभ हेागा ना कि सरकार को। ये भी कहा कि यूपी,दिल्ली,  हरियाणा में सप्लाई रेट घटाए जा रहे है, जबकि उत्तराखंड में बढ़ा दिए गए। उन्हेांने साफ कहा कि अगर ऐसे ही उनकी अनदेखी होती रही तो हमें मजबूरन कारोबार बंद करने पड़ेंगे। क्योंकि इस साल सभी ठेकेदार घाटे में हैं और घर व संपत्तियां बेचकर राजस्व चुका रहे हैं।  जिस पर आबकारी सचिव ने समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया और इस साल अच्छी पालिसी देने की बात कही। प्रतिनिधिमंडल में विनेश कुमार, संजय चौहान, प्रवीण सिंह और विजय नेगी आदि मौजूद रहे।

ये भी उठायीं मांगें

  • दुकानों को उसी राजस्व पर अगले साल के लिए दे दिया जाए।
  • बाहरी राज्यों से देशी शराब मंगवाने की छूट हो।
  • अगले साल के लिए एमजीडी 50 प्रतिशत बढ़ाई जाए।
  • मदिरा में 25 प्रतिशत और हाईब्रांड में 30 प्रतिशत मारजिन किया जाए।
  • देशी की दुकान में बीयर बेचने की परमिशन दी जाए।
  • राजस्व में दंडक ब्याज समाप्त किया जाए।
  • आने वाले साल में चुनाव के चलते पालिसी दो साल को बने।