बगैर अनुमित ढांचा बदलने पर दुकान सील

 नगर निगम ने चलाया किराया वसूली अभियान, सीलिंग के बाद जमा हुआ किराया

लखनऊ। नगर निगम से किराए पर दुकान लेने के बाद बगैर अनुमति ढांचा बदलने पर निगम ने सख्त रवैया अपनाते हुए सील करने की कार्रवाई की है। साथ ही कई अन्य दुकानों को भी किराया भुगतान न करने के कारण सील किया है। नगर निगम मुख्यालय के महज चंद कदम दूरी पर किराए पर दुकानें आवंटित हैं। कूड़ाघर के ठीक बगल में आवंटित दुकान शोरूम में तब्दील हो चुकी है। यह तब्दीली कई वर्ष पहले हुई। उसमें कई अतिरिक्त निर्माण भी हो चुका है। नगर निगम की टीम मुख्य कर निर्धारण अधिकारी महातम यादव के नेतृत्व में सोमवार को किराया वसूलने के लिए पहुंची तो स्थिति देखकर हैरान रह गई। पहले तो किसी को समझ में नहीं आया कि यह नगर निगम की ही दुकान है। हालांकि दुकान का किराया था। लेकिन बिना अनुमति ढांचा परिवर्तित करने के आरोप में दुकान को सील कर दिया।

यहां कुल 15 दुकानें हैं। किसी का किराया जमा नहीं था। नगर निगम की टीम को देखते ही नौ दुकानदारों ने तत्काल किराए का भुगतान कर दिया। पांच अन्य दुकानदारों द्वारा भुगतान न किए जाने पर दुकानों को सील कर दिया गया। सीलिंग खोलने के लिए कई पैरवी आई लेकिन सख्त रुख के कारण शाम तक तीन दुकानदरों ने भुगतान किर दिया। उनकी दुकानों की सीलिंग खोल दी गई शेष दो दुकानों की सीलिंग अभी बरकरार है। वसूली अभियान के दौरान नगर निगम को 11 लाख, 29 हजार, 534 रुपए प्राप्त हुआ। अभियान में कर निर्धारण अधिकारी महेन्द्र कुमार, जोनल अधिकारी दिलीप कुमार श्रीवास्तव, कर अधीक्षक स्वदेश यादव, हर्ष शुक्ला, निरीक्षक कृष्ण मगन सिंह, प्रदीप कुमार सेठ, प्रवर्तन दल प्रभारी कर्नल सत्येन्द्र सिंह मौजूद रहे।