बादलों की आवाजाही के साथ बूंदाबादी के आसार

बादलों की आवाजाही के साथ बूंदाबादी के आसार

लखनऊ

राजधानी में रविवार को तड़के हुई बारिश के बाद भी अभी चार दिनों तक ठंड में वृद्धि होने के आसार नहीं हैं। तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। बादलों की आवाजाही के साथ बूंदाबादी के आसार बने रहेंगे। इसका असर चार दिन बाद दिखाई देगा। तापमान में तेजी से गिरावट होने के आसार हैं।

रविवार को सुबह कई स्थानों पर कहीं बारिश तो कहीं बूंदाबांदी हुई। ठंड में इजाफा होने की उम्मीद थी लेकिन धूप ने आशंकाओं को समाप्त कर दिया। तापमान में भी वृद्धि हुई। दिन व रात का तापमान सामान्य से अधिक हो गया। न्यूनतम तापमान में शनिवार की तुलना में 4.8 डिग्री की वृद्धि हुई। इससे रात का तापमान सामान्य से 4 डिग्री अधिक होते हुए 11.6 डिग्री पहुंच गया। शनिवार को न्यूनतम तापमा 6.8 डिग्री था। उधर दिन के तापमान में 0.7 डिग्री की वृद्धि हुई है। शनिवार को अधिकतम तापमान 24.4 डिग्री था जो बढ़कर 25.1 डिग्री हो गया। यह भी सामान्य से चार डिग्री अधिक रहा।

कोहरा व ठंड बढ़ने के आसार

आंचलिक मौसम केन्द्र के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश हो रही है लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश पर इसका असर नहीं है। मामूली बारिश या बूंदाबादी ही होगी। अभी चार दिन तक तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। लेकिन इसके बाद बूंदाबादी का असर दिखना शुरू होगा। कोहरा पड़ने के साथ तापमान में तेजी से गिरावट होगी।

पश्चिमी यूपी में आज व कल भी बारिश

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अगले दो दिन कहीं बारिश तो कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने का सिलसिला जारी रह सकता है। पूर्वी यूपी में सुबह व रात में घना कोहरा छाया रहने के आसार हैं। इस बारिश के बाद आगामी सात जनवरी से मैदानी राज्यों में उत्तरी व उत्तरी पश्चिमी हवा चलने की वजह से शीतलहर का प्रकोप और बढ़ने के आसार जताये गए हैं। मौसम में यह बदलाव मध्य पाकिस्तान और आसपास के्द्रिरत पश्चिमी विक्षोभ और एक चक्रवातीय दबाव की वजह से आया है। अयोध्या, कानपुर, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ, आगरा मण्डलों में रात का तापमान सामान्य से अधिक रहा। इस अवधि में राज्य में सबसे कम रात का तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस बांदा में दर्ज किया गया।

गेहूं के लिए सोना बन बरसा पानी

रविवार सुबह हुई बारिश ने ठंड जरूर बढ़ दी है लेकिन गेहूं की फसल के लिए यह हल्की बारिश सोना बरसने के समान है। इसके अलावा रबी की सभी फसलों देशी चना, मटर, मसूर, जौ, सरसो सहित अन्य फसलों के लिए बहुत फायदेमंद है। उपनिदेशक कृषि सीपी श्रीवास्तव बताते हैं कि दलहन और तिलहन के लिए हल्की बारिश बहुत फयदेमंद साबित होती है। गेहूं और जौ के लिए तो यह बारिश बहुत लाभदायक साबित होगी।