![Haryana women training to drive tractor as farmers prepare for protest march on Republic Day (PTI Photo) haryana women training to drive tractor as farmers prepare for protest march on republic day](https://images1.livehindustan.com/uploadimage/library/2021/01/06/16_9/16_9_1/haryana_women_training_to_drive_tractor_as_farmers_prepare_for_protest_march_on_republic_day__1609939637.jpg)
हरियाणा के जींद जिले में इन दिनों कई ग्रामीण महिलाएं ट्रैक्टर चलाना सीख रही हैं। वे केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ 26 जनवरी को दिल्ली में 'ट्रैक्टर परेड' में हिस्सा लेने वाली हैं।
हरियाणा और पंजाब समेत देश के कई राज्यों के किसान नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों ने दो जनवरी को ऐलान किया था कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं, तो वे 26 जनवरी को दिल्ली की ओर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। जींद जिले के साफा खेरी, खतकर और पल्लवन गांव की महिलाएं ट्रैक्टर चलाना सीख रही हैं।
जींद के किसान एकता महिला मंच की प्रमुख सिकिम नैन श्योकांत ने फोन पर बताया कि करीब 200 महिलाएं ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं। उन्होंने बताया कि कुछ महिलाएं कृषि कार्यों के लिए खेतों में ट्रैक्टर चला सकती हैं, लेकिन उन्हें सड़क पर ट्रैक्टर चलाने का अनुभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि महिलाएं 26 जनवरी को बिना किसी मदद के राजमार्ग पर ट्रैक्टर चलाएं। श्योकांत ने कहा कि कई ग्रामीण उन्हें अपने ट्रैक्टर देकर और जरूरी ट्रेनिंग उपलब्ध करा कर उनकी मदद कर रहे हैं। महिलाएं सड़क पर ट्रैक्टर-ट्रॉली चलाने की ट्रेनिंग जींद-पटियाला के टोल प्लाजा पर ले रही हैं। प्रदर्शनकारी किसानों ने टोल प्लाजा को फ्री घोषित कर दिया है। श्योकांत ने कहा कि नए कृषि कानून किसानों के हित में नहीं है।
गौरतलब है कि भारत में तीन नए कृषि कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर मोदी सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। इसके लिए दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 42वें दिन भी जारी है। केन्द्र सरकार इन कानूनों को जहां कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों - द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।