लद्दाख-अरुणाचल जैसी जगहों पर कैसे पहुंचे वैक्सीन, भारतीय वायुसेना करेगी मदद
covid-19 vaccination drive

कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ देश में टीकाकरण का अभियान शुरू होने वाला है। चंद दिनों के बाद से करोड़ों लोगों को वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने पूरा खाका तैयार कर लिया है। कई राज्यों में ड्राई रन चलाए जा रहे हैं, ताकि जब वैक्सीन लगनी शुरू हो, तब कोई परेशानी न आए। वहीं, टीकाकरण को सपोर्ट करने के लिए भारतीय वायुसेना भी सामने आई है। वायुसेना और कमर्शियल एयरलाइंस देशभर में दोनों वैक्सीन्स को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने में मदद प्रदान करेगी।

सरकारी अधिकारियों ने बताया कि देश के दूरदराज इलाकों तक वैक्सीन को पहुंचाने के लिए वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स, जिसमें सी-130जेएस और एएन-32एस भी शामिल हैं, का इस्तेमाल किया जाएगा। सप्लायर्स द्वारा वैक्सीन रखने के लिए विशेष तरीके के कंटेनरों को मुहैया कराया जा रहा है। इससे वैक्सीन्स स्थानीय प्रशासन तक पहुंचाने के लिए मदद मिलेगी। वैक्सीन्स को 24 घंटे तक रेफ्रिजिरेटर वाले कंटेनरों में सुरक्षित रखा जा सकेगा। हवा के जरिए से किया जाने वाला ट्रांसपोर्ट्रेशन कमर्शियल एयरलाइंस के जरिए से होगा।

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना के सैन्य हवाई अड्डों पर कमर्शियल विमानों को उधार देने की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। वायुसेना के ट्रांसपोर्ट विमान का उपयोग अरुणाचल प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख जैसी जगहों को टीकों से जोड़ने के लिए किया जाएगा।

प्लान के अनुसार, अगर जरूरत पड़ती है तो फिर वायुसेना हेलीकॉप्टर का भी इस्तेमाल कर सकती है ताकि वैक्सीन को सुरक्षित दूरदराज इलाकों तक पहुंचाया जाए। अधिकारियों ने यह भी बताया कि वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन पर चर्चा जारी और अंतिम रूप दिया जा रहा है। वहीं, दिल्ली में, सशस्त्र बलों ने अपने कर्मियों को टीके लगाने के लिए सेना अनुसंधान और रेफरल अस्पताल, बेस अस्पताल, सशस्त्र बल क्लीनिक, वायुसेना केंद्र, सुब्रतो पार्क और वायु सेना स्टेशन, पालम की पहचान की है। पिछले हफ्ते, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोवीशील्ड को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी प्रदान की थी। सीरम का टीका ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाया गया है।