नए साल के पहले दिन अयोध्या में रामलला को चढ़ा 56 भोग, दर्शन को उमड़ा हुजूम

अयोध्या में श्रीरामलला को नए साल के पहले दिन 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया। रामलला के पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि रामलला को नए वस्त्र भी धारण कराए गए। शुक्रवार के दिन भगवान को क्रीम कलर की पोशाक धारण कराई गई। सुबह विधि विधान से पूजन होने के बाद दोपहर के भोग में रामलला को 56 भोग अर्पित किया गया। साल का पहला दिन होने के कारण रामलला का दर्शन करने के लिए भारी भीड़ भी उमड़ी।

रामलला के मंदिर में साल के प्रथम दिन हर बार 56 व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। भोग प्रसाद अयोध्या पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही सुरक्षा में लगे सुरक्षाबलों के बीच में वितरित किया जाता है। प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि नव वर्ष के उपलक्ष्य में रामलला को नए वस्त्र धारण कराए गए। रामलला के दर्शन आरती में आज श्रद्धालुओं की संख्या भी अत्यधिक थी। राम मंदिर निर्माण के लिए श्रद्धालुओं ने रामलला के दानपात्र में दान किया।

प्रधान पुजारी ने कहा कि भोग लगाने के बाद रामलला से प्रार्थना की गई है कि देशवासियों को इस वर्ष किसी भी तरीके की समस्या का सामना न करना पड़े। रामलला के दर्शन करने वाले लोगों की 

हर दिन एक लाख चढ़ावा
अयोध्या में मंदिर भूमिपूजन के बाद से लगातार यहां आने वाले रामभक्तों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। अगस्त से ही रामनगरी की रौनक बढ़ गई। इसके बाद से रामभक्त दानपात्र में प्रतिदिन औसतन तकरीबन एक लाख रुपए अर्पित कर रहे हैं। यह रिकार्ड बढ़ोतरी है। 

भूमि पूजन के पहले कोरोना काल में तो यह आंकड़ा दस से 15 हजार तक सीमित था, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी तो इसमें लगभग पांच गुना बढ़ोतरी हुई। बीते दो पखवारों में यह रकम क्रमश: 14 व 15 लाख थी। रामलला का चढ़ावा महीने में दो बार गिना जाता है। हर पखवारे के बाद दानपात्र से राशि निकाल कर बैंक कर्मी श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की निगरानी में इसकी गिनती करते हैं और इसे बैंक खाते में जमा करते हैं।

बीती पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राममंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन किया था। उस महीने ही दानपात्र में निकली धनराशि तकरीबन 29 लाख रुपए थी। इसके बाद के अन्य महीनों में इसी अनुपात से चढ़ावा रहा। पखवारे में कभी 16 लाख तो कभी 12 तो कभी 14 लाख रुपए दान स्वरूप चढ़े।