
प्रदेश के 22.50 लाख मनरेगा मजदूरों को इस वर्ष 100 दिनों का पूरा काम मिलेगा। यह ऐसे मजदूर हैं जिन्होंने कोरोना काल के नौ माह में 50 या इससे अधिक दिनों तक काम कर चुके हैं। अब इधर तीन माह यानी 90 दिनों में इन सभी को 100 दिनों का काम पूरा कराया जाएगा।
नौ माह में रिकार्ड 1.85 लाख को मिला काम
तीन माह में इस बढ़े लक्ष्य को हांसिल करने की शुरुआत हो चुकी है। इधर बीते नौ माह में प्रदेश के 1.85 लाख मजदूर 100 दिनों का काम पूरा कर चुके हैं। एक वर्ष में 100 दिन का काम देना का प्रदेश में यह अब तक यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार बताते हैं बीत वर्ष (2019-20) में 1.34 हजार मनरेगा मजदूर 100 दिनों का काम पूरा कर सके थे। जबकि इससे पहले के चार वर्षों में तो 43 हजार से 65 हजार मजदूर ही बमुश्किल 100 दिनों का काम पूरा कर पाते थे।
रोज 4000 मजदूर पूर कर रहे 100 दिन का काम
मनरेगा के तहत देश में सबसे अधिक रोजगार प्रदान कर राष्ट्रीय रिकार्ड बनाने की दिशा में अधिकारी जुट गए हैं। इधर प्रति दिन साढ़े तीन से चार हजार मजदूर हर रोज 100 दिनों का काम पूरा कर रहे हैं। अपर आयुक्त योगेश कुमार बताते हैं कि लक्ष्य बहुत बढ़ा है, लेकिन हम पूरे संकल्प के साथ इसे पूरा करने में जुटे हैं।
एक पंथ दो काज
अपर आयुक्त बताते हैं कि 100 दिन का काम देने से एक ओर मजदूरी मिल रही हैं। वही दूसरी ओर इसके जरिए श्रम वृहद काम है। इन्हीं 22.50 लाख लोगों को काम पर लगाया जाए और 100 दिन पूरे कराए जाएं। हर दिन साढ़े तीन हजार लोग 100 दिनों से जुड़ रहे हैं। वेबसाइट की दिक्कत आ रही है। 90 से 98 दिनों वालो को नहीं करने दे रही है। 100 दिन वालों को भेजने का है। 90 दिन से ऊपर वाले भी लेबर विभाग में पंजीकृत हो जाएंगे। मृत्यु पर या दुर्घटना पर मिलेगा। मनरेगा से लाभान्वित करना। पंजीकृत कराना है।