LAC पर गतिरोध के बीच सरकार का बड़ा कदम, चीन सीमा से सटे गांव होंगे डेवलप
pakistan explored rajasthan gujarat borders extensively in 2020 for infiltration

भारत और चीन के साथ गतिरोध के बीच उत्तराखंड सरकार ने सीमांत इलाकों में बसे गांवों को विकसित करने का फैसला लिया है। पिछले कई दिनों से चीन के साथ जारी मनमुटाव की वजह से अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर एरिया से सटे गावों में पलायन एक बड़ी चुनौती बन गया है। सरकार की ओर से पलायन पर प्रहार करने के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों के 100 सीमांत गांवों को चिन्हित किया है। इन सभी गांवों को बुनियादी सुविधाओं से लैस कर विकसित किया जाएगा। पलायन से खाली हो चुके गांवों में युवओं को रोजगार के अवसर भी मुहैया करवाए जाएंगे। 

इंटरनेशनल बॉर्डर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत सीमांत गांवों को विकसित करने के लिए एसओपी बनाकर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। उत्तराखंड के  कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने प्रदेशभर में हो रहे पलायन पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सीमांत गांवों को बसाने के लिए सरकार वचनबद्ध है। कहा कि सीमांत गांवों में पलायन रोकने के लिए उन्हें विकसित किया जाना है। यहीं नहीं, गांवों को बुनियादी सुविधाओं से भी लैस किया जाएगा ताकि लोग वापस आकर गांव में बसकर रोजगार अपना सकें।  

उनियाल के अनुसार, इन सभी चिन्हित गांव में विकास कार्य कर गांवों को ‘मॉडल विलेज’ के रूप में विकसीत किया जाएगा। पलायन रोकने व गांवों को दोबारा बसाने के लिए युवाओं को रोजगार के अवसर, खेतीबाड़ी, बागबानी, मधुमक्खी पालन, मछली पालन,दुग्ध कार्य आदि कार्यों पर फोकस रहेगा। सीमांत इलाकों में बसे गावों के किसानों को खेतीबाड़ी के आधुनिक उपकरण व नवीनतम तकनीक से भी रूबरू कराया जाएगा। सीमांत क्षेत्रों में हो रहे पलायन को रोकने के लिए सरकार की ओर से चीन से सटे 11 ब्लाकों में 100 गांवों को चिन्हित किया गया है।

इनमें, एक-एक ब्लॉक चमोली व उधमसिंह नगर जिले में,दो ब्लॉक चंपावत जिले में,तीन ब्लॉक उत्तरकाशी जिले में और चार ब्लॉक पिथौरागढ़ जिले में हैं। वहीं दूसरी ओर, प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि सीमांत क्षेत्रों में इनर लाइन परमिट की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है।  विशेषतौर से चमोली जिले के नीति घाटी में इनर लाइन परमिट को खत्म करने से पर्यटकों की आवाजाही में बढ़ोतरी की संभावना है।

बता दें कि भारत-चीन के बीच विगत कई महीनों से पूर्वी लद्दाख में सैन्य तनाव बना हुआ है। चीन की ओर से विवाद पैदा करने के बाद भारत ने भी अपने जवानों की संख्या बढ़ा दी। लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के आमने-सामने हैं। जून महीने में गलवान घाटी में हुई दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि कई चीनी सैनिक मारे गए थे। वहीं, कई बार सेना के उच्च अधिकारियों के बीच वार्ता का भी कोई हल नहीं निकल सका है और अभी तक स्थिति सामान्य नहीं हुई है। ऐसे में बॉर्डर पर दोनों देशों की सेना की मौजूदगी ने तनाव का माहौल बनाए रखा है। चीन की ओर से बॉर्डर एरिया पर  किसी भी तरह की हरकत पर भारतीय सेना पूरी तरह से नजर बनाए रखे हुए है।