हाड़ कंपा देने वाली ठंड में गाजियाबाद DM ने रैन बसेरे में बिताई रात, लिया सुविधाओं का जायजा
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हाड़ कंपा देने वाली ठंड में गाजियाबाद के जिला अधिकारी अजय शंकर पांडेय मंगलवार की रात रैन बसेरा में पहुंच गए। यहां पर उन्होंने कुछ घंटे का वक्त बिताया और लोगों को मिल रही सुविधाओं को जायजा लिया। इतना ही नहीं। रैन बसेरा से ही उन्होंने अपना काम भी किया और सरकारी फाइलें भी निपटाई। दरअसल, एक व्यक्ति ने जिलों में रैन बसेरों की स्थिति पर शिकायत की थी। इसी के बाद वे खुद ही इसकी पड़ताल करने पहुंच गए।

मंगलवार की सुबह 11 बजे खुद को समाजसेवी कहने वाले एक व्यक्ति ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला अधिकारी से मुलाकात की और उनसे शहर में बने रैन बसेरों में खराब इंतजाम की शिकायत की। उन्होंने बताया कि रैन बसेरों में 10 मिनट भी रुका नही जा सकता है। चाहे तो खुद जिला अधिकारी खुद ही जाकर मौके पर स्थिति देख लें। समाजसेवी की बात सुनकर जिला अधिकारी ने आश्वासन दिया कि वह खुद जाकर रैन बसेरों का हाल देखेंगे।

फिर क्या था। रात को 11 बजे डीएम अजय शंकर पांडेय अपने आवास से रैन बसेरों का हाल और वहां की सुविधाएं देखने के लिए निकल पड़े। सबसे पहले वह अर्थला स्थित रैन बसेरा पहुंचे। आधे घंटे तक वहां रुके और व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। जो खामियां दिखी, उनको दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इसके बाद वह राजनगर में बने रैन बसेरे में पहुंचे। यहां पर लगे एक बिस्तर पर ही वह बैठ गए। यहां मौजूद लोगों से उनकी परेशानी पूछी। रैन बसेरे में की गई व्यवस्था के बारे में जानकारी की। इस दौरान जिलाधिकारी दो घंटे तक रैन बसेरे में ही रहे। वह यहां बिछे एक बिस्तर पर कंबल ओढ़कर बैठ गए। यहीं से दो घंटे तक जिला का काम काज संभाला। यहीं पर फाइलों की भी निपटारा किया।

इस दौरान जिलाधिकारी के ओएसडी ने रैन बसेरे में सुविधाएं न होने की शिकायत करने वाले समाजसेवी को फोन कर बताया कि उनके आवास के पास ही रैन बसेरे में जिलाधिकारी रात बिता रहे हैं। वह मौके पर आकर देख सकते हैं। समाजसेवी ने 15 मिनट में आने की बात कही लेकिन वहां नही पहुंचे। अपना फ़ोन भी स्विच ऑफ कर लिया। इस दौरान जिलाधिकारी ने ठंड से परेशान लोगों को जैकेट मंगाकर भी दी। उन्होंने बताया कि सुविधांए ठीक मिली। जो खामियां दिखी उनको जल्द ही ठीक करने के निर्देश दिए हैं।