किसान आंदोलन में पहुंचे लोगों को गाड़ी के नंबर से ट्रेस कर रही यूपी पुलिस, बार महासचिव के घर भी पहुंच गई

किसान आंदोलन में दिल्ली पहुंचे बार महासचिव सतनाम सिंह मट्ठू को उठाने आधी रात को पुलिस उनके घर पहुंच गई। अधिवक्ता ने पुलिस के साथ जाने से मना कर दिया। साथ ही रात में ही राज्यमंत्री, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से शिकायत की। 

कृषि बिल के विरोध में किसान दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं। दिल्ली के आसपास किसानों का आंदोलन चल रहा है, जहां जनपद के भी सैकड़ों किसान शामिल हैं। जिले से हर रोज किसानों का आनाजाना लगा है। बार महासचिव सतनाम सिंह मट्टू भी किसान आंदोलन में गाजीपुर बार्डर दिल्ली गए थे। वह अपनी कार से गए थे, जिसका नंबर पुलिस ने ट्रैस कर लिया।

गाजियाबाद से कार का नंबर रामपुर पुलिस को भेजा गया, जहां कार और सतनाम सिंह की तलाश की गई। सिविल लाइंस के दरोगा राजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस लोकेशन देखते हुए उनके घर पहुंच गई। मंगलवार की रात करीब ढाई बजे पुलिस ने दरवाजा खटखटाया तो अधिवकता हैरान रह गए।

पुलिस ने उनसे साथ चलने को कहा, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। साथ ही किसी अधिकारी से बात कराने को कहा, जिसके बाद सिविल लाइंस कोतवाल से फोन पर बात की गई। बार महासचिव का पता लगने पर पुलिस वापस आ गई, लेकिन सतनाम सिंह ने रात में ही राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख से शिकायत की। साथ ही जिलाधिकारी को भी रात में जानकारी दी गई। पुलिस अधीक्षक को भी बताया गया। बार को भी इससे अवगत कराया गया है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी पुलिस की निंदा करते हुए पोस्ट डाली गई है। 

इस बारे में कोतवाल दुर्गासिंह ने कहा कि गाजियाबाद पुलिस यहां से जाने वाले किसानों की जानकारी दे रही है। आंदोलन से वापस होने वाले किसानों का सत्यापन किया जा रहा है कि वे अपने घर पहुंचे या नहीं। इसीलिए पुलिस गई थी, ताकि गाजियाबाद पुलिस को बताया जा सके।