यशभारती की तर्ज पर योगी सरकार देगी राज्य संस्कृति पुरस्कार, मंत्री नीलकंठ तिवारी की पहल पर तैयारी

प्रदेश की पूर्व सपा सरकार के राज में काफी चर्चित  यशभारती पुरस्कार योजना की तर्ज पर अब राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार भी अपनी एक अभिनव पुरस्कार योजना शुरू करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि उनकी सरकार की ओर से भी प्रदेश के कलाकार, समाजसेवी,  संस्कृतिकर्मी और बुद्धिजीवी पुरस्कृत व सम्मानित किये जाएं। 

मुख्यमंत्री की इस मंशा पर अमल के लिए राज्य के संस्कृति मंत्री डा.नीलकंठ तिवारी ने इसके लिए पहल की है।  नयी पुरस्कार योजना की रूपरेखा अपने विभाग से बनाई  है। इन्हें राज्य संस्कृति पुरस्कार कहा जाएगा। कुल 25 पुरस्कार होंगे। सबसे बड़ा पुरस्कार पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर दिये जाने का प्रस्ताव है इसकी पुरस्कार राशि 5 लाख रूपये होगी। अन्य पुरस्कार 2-2 लाख रूपये की राशि के होंगे। अगले वित्तीय वर्ष के लिए प्रदेश के संस्कृति विभाग के वार्षिक बजट में इन पुरस्कारों के लिए बजटीय प्रावधान का प्रस्ताव भी वित्त विभाग को भेजा गया है।

बताते चलें कि वर्ष 1994 में तत्कालीन समाजवादी सरकार के मुखिया मुलायम सिंह यादव की पहल पर यशभारती पुरस्कार योजना की शुरूआत हुई थी और उस साल सिने स्टार अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, लोक गायक बालेश्वर आदि को यह पुरस्कार दिये गये थे। एक वक्त पुरस्कार की राशि एक लाख रूपये हुआ करती थी।

मुलायम सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में आखिरी बार यह पुरस्कार वर्ष 2006 में दिये गये थे, उसके बाद बसपा सरकार ने इन पुरस्कारों को बंद कर दिया था। इसके बाद 2012 में सपा सरकार के आने पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पहल पर यह पुरस्कार 2015 से शुरू किये गये। पुरस्कार की राशि 11 लाख रूपये की गयी, पुरस्कार पाने वाले को आजीवन पचास हजार रूपये की पेंशन दिये जाने का भी प्रावधान किया गया। बाद में यह पुरस्कार योजना विवादों से घिर गयी। वर्ष 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद यशभारती पुरस्कार योजना के साथ ही इस योजना से सम्मानित हो चुकी विभूतियों की पेंशन भी बंद कर दी गयी।