शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जेईई मेन परीक्षा को लेकर किया ये बड़ा ऐलान









JEE Main 2021 :


केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को ऐलान किया कि ज्वॉइंट एडमिशन बोर्ड (जेएबी) अगले वर्ष से जेईई मेन परीक्षा का आयोजन और अधिक क्षेत्रीय भाषाओं में करेगा। यह फैसला नई शिक्षा नीति ( New Education Policy 2020 ) की उस विशेषता को ध्यान में रखकर लिया गया है जिसमें स्कूली शिक्षा स्तर पर क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने की बात कही गई है।


केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'एनईपी 2020 के विजन के मद्देनजर जेएबी अगले वर्ष से जेईई मेन और भी कई अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करेगा। जो भी राज्य अपनी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएं क्षेत्रीय भाषाओं में कराते है, उन सभी भाषाओं में जेईई को कराया जाएगा। इसके अलावा जो राज्य जेईई मेन के स्कोर के आधार पर अपने यहां के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन देते हैं, वहां की क्षेत्रीय भाषा को परीक्षा में शामिल किया जाएगा।'


निशंक ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात की तरफ ध्यान दिलाया था कि PISA परीक्षा में सबसे अच्छा प्रदर्शन वाले देशों ने दिशानिर्देशों का माध्यम मातृभाषा रखा हुआ है। जेईई मेन को लेकर इस फैसले के दूरगामी प्रभाव होंगे। जेएबी का फैसला प्रश्नों को बेहतर ढंग से समझने और अच्छा स्कोर करने में स्टूडेंट्स की मदद करेगा।' 


अभी जेईई परीक्षा अंग्रेजी, हिंदी के अलावा गुजराती में होती है। अगले साल से यह परीक्षा बांग्ला, असमी, कन्नड़, मराठी, उड़िया, तमिल, उर्दू तथा तेलुगू में भी आयोजित की जाएगी। इसके लिए एनटीए द्वारा तैयारियां की जा रही हैं।


देश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिये संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई)-मेन्स का आयोजन वर्ष में दो बार होता है। इस परीक्षा का आयोजन एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) द्वारा किया जाता है। 


देश के सभी राज्यों में भाषा एक भावनात्मक और राजनीतिक मुद्दा रहा है।


हाल ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह सवाल उठाया था कि अगर गुजराती में परीक्षा कराई जा सकती है तो बंगाली में क्यों नहीं कराई जा सकती। 


सत्तारूढ़ भाजपा भी चाहती है कि परीक्षा मातृभाषा में हो। शिक्षा मंत्री की यह घोषणा उस दिन हुई है जब भाजपा ने बिहार में अपने चुनावी घोषणा पत्र में तकनीकी शिक्षा हिन्दी में उपलब्ध कराने का पक्ष लिया है। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भरोसा दिलाया है कि बिहार में मेडिकल, इंजीनियरिंग सहित तकनीकी शिक्षा को हिन्दी भाषा में उपलब्ध कराया जाएगा।