सीबीआई की पूछताछ के बाद एएमयू ने दो मेडिकल ऑफिसर्स पर की कार्रवाई

हाथरस प्रकरण में सोमवार को सीबीआई के जेएन मेडिकल में जांच करने के एक दिन बाद कॉलेज प्रशासन ने दो मेडिकल ऑफिसर को पद से हटा दिया है। अचानक बिना किसी कारण के हुई इस कार्रवाई से चिकित्सकों में रोष है। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी इस पर आपत्ति उठायी है। उधर, जिन चिकित्सकों को हटाया गया है, उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर पुनर्विचार की मांग की है।बता दें कि सोमवार सुबह सीबीआई की टीम एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज पहुंची थी। टीम ने यहां हाथरस गैंगरेप कांड की पीड़िता के इलाज करने वाले चिकित्सकों व स्टाफ की सूची मांगकर उनसे घंटों तक पूछताछ की थी। टीम करीब पांच घंटे तक डिपार्टमेंट में रही। टीम के सदस्यों ने न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के चेयरमैन व इलाज करने वाले अन्य चिकित्सकों व स्टाफ से सवाल जवाब किये थे। इलाज में शामिल अन्य विभागों से चिकित्सकों को बुलाकर भी पूछताछ की गई थी। इस पूछताछ को अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि मंगलवार दोपहर ट्रामा सेंटर और इमरजेंसी के कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज डॉ. एसएएच जैदी की तरफ से एक नोटिस जारी किया गया। जिसमें दो मेडिकल ऑफिसर को हटाने का फरमान जारी किया गया। इन मेडिकल ऑफिसर में डॉ. उबैद इम्तियाज उल हक और डॉ. मोहम्मद अजीमुद्दीन मलिक को पद से हटा दिया गया। 


नोटिस में कहा गया है कि संबंधित दोनों डॉक्टर किसी भी तरह की अपनी ड्यूटी को आगे परफॉर्म न करें। यह आदेश जारी होते ही कॉलेज में खलबली मच गई। दोनों चिकित्सकों ने इस तरह हटाने पर आपत्ति जतायी। साथ ही कुलपति को पत्र लिखकर पुनर्विचार की मांग की।  डॉ. एचएएस जैदी, सीएमओ इंचार्ज, ट्रामा सेंटर का कहना है कि ट्रामा सेंटर में मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर्स की लीव वैकेंसी के सापेक्ष डॉक्टरों की नियुक्ति की गई थी। सुबह में उच्चाधिकारियों के निर्देश मिलने के बाद दोनों मेडिकल ऑफिसर की ड्यूटी को निरस्त कर दिया गया। साथ ही उनको आगे अपनी ड्यूटी परफार्म न करने को कहा गया है।