संतान सुख प्रदान करती हैं मां स्कंदमाता

नवरात्रि में पांचवें दिन मां स्कंदमाता की उपासना की जाती है। भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां को स्कंदमाता नाम से जाना जाता है। मां को अपने पुत्र के नाम के साथ संबोधित किया जाना प्रिय है। मां अपने भक्तों पर पुत्र के समान स्नेह लुटाती हैं। मां की उपासना से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। मां का स्मरण करने से ही असंभव कार्य संभव हो जाते हैं मां स्कंद माता कमल के आसन पर विराजमान हैं, इसी कारण उन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। मां की उपासना से परम शांति और सुख का अनुभव होता है। मां स्कंदमाता को श्वेत रंग प्रिय है। मां की उपासना में श्वेत रंग के वस्त्रों का प्रयोग करें। मां अग्नि और ममता की प्रतीक मानी जाती है। मां की उपासना से सुख, ऐश्वर्य और मोक्ष प्राप्त होता है। मां स्कंदमाता की उपासना से भगवान कार्तिकेय भी प्रसन्न होते हैं। मां को विद्यावाहिनी दुर्गा देवी भी कहा जाता है। मां की उपासना से अलौकिक तेज की प्राप्ति होती है। मां को केले का भोग अति प्रिय है। मां की पूजा के समय पीले रंग के वस्त्र धारण करें। मां स्कंदमाता की पूजा पवित्र और एकाग्र मन से करनी चाहिए। मां स्कंदमाता की कृपा से संतान सुख की प्राप्ति होती है।