रेलवे अब नवंबर के बाद संसद में नहीं खिला पाएगा खाना, आईटीडीसी करेगी टेकओवर

पिछले करीब 50 वर्षों से नॉर्दर्न रेलवे का संसद भवन के साथ चला आ रहा संबंध अब खत्म होने जा रहा है। 1968 से संसद भवन में कैंटीन चला रहे नॉर्दर्न रेलवे की सेवा बंद होने जा रही है। अब संसद भवन में 15 नवंबर से सरकार के पर्यटन विभाग के आईटीडीसी को कैंटीन चलाने की जिम्मेदारी दी गई है। आईटीडीसी सरकारी निकाय है जो लग्जरी फाइव स्टार अशोक ग्रुप ऑफ होटल्स चला रही है।नॉर्दर्न रेलवे की तरफ से लोकसभा सचिवालय को 19 अक्टूबर लिखे पत्र को देखा है। इस पत्र के मुताबिक, पार्लियामेंट हाउस, पार्लियामेंट हाउस एनेक्सी, पार्लियामेंट लाइब्रेरी बिल्डिंग और पैन्ट्रीज के ऑपरेंशंस को 15 अक्टूबर से इंडियन टूरिज्म डेवलमपेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईटीडीसी) अपने हाथों में ले लेगा। 


नॉर्दर्न रेलवे के जो स्टाफ संसद भवन की कैंटीन में हैं उन सभी से कहा गया है कि वे अपने विभाग को 15 नवंबर तक रिपोर्ट करें।


इधर, नए संसद भवन के लिए निर्माणकार्य इसी साल दिसंबर में शुरू हो जाएगा। शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय ने बताया कि दिसंबर 2020 में नए संसद भवन का निर्माण शुरू होगा और अक्टूबर 2022 तक पूरा हो जाएगा। लोकसभा सचिवालय ने बताया कि नए संसद भवन में प्रत्येक सांसद के लिए नवीनतन डिजिटल सुविधाओं से लैस अलग कार्यालय होगा। 


नए संसद भवन में कॉन्स्टिट्यूशन हॉल, सांसद लाउंज, पुस्तकालय, समितियों के कक्ष, भोजन क्षेत्र, पर्याप्त पार्किंग क्षेत्र होगा। संसद के नए भवन के निर्माण के दौरान मौजूदा इमारत में संसद सत्र और अन्य कार्यक्राम चलते रहेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से समीक्षा बैठक के बाद बताया गया है कि नए भवन के निर्माण के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने की व्यवस्था भी होगी।


बता दें कि नए संसद भवन में लोकसभा का सेंट्रल हॉल इतना बड़ा होगा कि आने वाले समय में अगर सासंदों की संख्या बढ़ाई भी जाती है तो आराम से सभी सांसद बैठ सकेगें। सरकार द्वारा प्रस्तावित नए संसद भवन के लोकसभा की नई इमारत में सदन के अंदर 900 सीटें होंगी। वहीं, संयुक्त सत्र के दौरान लोकसभा में 1350 सांसद आराम से बैठ सकते हैं।