नौ दिन का सिलाई प्रशिक्षण पाकर आत्मनिर्भर बनेगी 25 महिलाएं









मवाना।गांव साधन में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल की है। 25 गांवों की 25 महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। गांव में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में शामिल महिलाओं को नौ दिन बाद पैरों से चलने वाली सिलाई मशीनें निशुल्क दी जाएंगी ताकि वे अपने गांव में जाकर अपनी आय में इजाफा कर सकें।मवाना तहसील के गांव सांधन में ग्रामीण मनोज शर्मा के मकान पर ऊषा एवं सिडबी के सहयोग से जन कल्याण संस्था ने सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम एक नवंबर तक संचालित किया जाएगा। मुख्य अतिथि जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक भानू प्रताप सिंह, ऊषा सोशल सर्विसज के क्षेत्रीय प्रबंधक मोहन लाल, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड मेरठ रवि शंकर शर्मा, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक संजय कुमार, भाजपा महामंत्री इंद्रपाल बजरंगी, वरिष्ठ सलाहकार बीडी पांडे, जन कल्याण संस्था की अध्यक्षा उमा शर्मा, मनोज शर्मा, प्रधान हर्षवर्धन, उत्कर्ष शर्मा, सलमान शेख, राधे श्याम शर्मा, प्रमोद सिंह, ऋषिपाल सिंह और 25 ग्रामों की महिलाएं मौजूद रहीं।


संस्था अध्यक्ष उमा शर्मा ने बताया की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में यह प्रशिक्षण मील का पत्थर साबित होगा। मोहन लाल ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद ये महिलाएं अपने-अपने गांव में जाकर अन्य महिलाओं को प्रशिक्षित करेंगी तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने मे सहयोग करेंगी। बाद में वे अपने गांवों में स्वावलंबन सिलाई स्कूल चला सकती हैं।


परियोजना निदेशक भानुप्रताप सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम महिलाओं के लिए बहुत ही सराहनीय कार्य है। इससे महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ आत्मसम्मान भी मिलेगा। नाबार्ड के अफसर रविशंकर शर्मा, एलडीएम संजय कुमार ने भी प्रशिक्षण में आई हुईं महिलाओं को आत्मनिर्भर तथा प्रशिक्षण के बाद गांव में जाकर दूसरी महिलाओं को स्वावलंबन बनाने का आह्वान किया। बताया कि इस तरह के कार्यक्रम उन्हे आत्म सम्मान के साथ-साथ परिवार की आय बढ़ाने में भी कारगर साबित होंगे।


इन गांवों से पहुंची महिलाएं


निलोहा, झिझांडपुर, खाता, नागौरी, गंगसोना, राहवती, सकौती, खड़की जदीद, मवाना खुर्द, तिगरी, राफन, सांधन, अटौरा, किशनपुर बिराना, मुबारिकपुर, बनां, भगवानपुर, मंदवाड़ी, दांदूपुर, गड़ीना, पबला, नंगला शेखू, कस्तला, इंचौली व भैंसा उर्फ भीष्मनगर आदि गांवों की महिलाएं प्रशिक्षण केंद्र पहुंचीं।