NEET 2020 में 100% नंबर पाने वाली आकांक्षा सेकेंड की बजाए क्‍या बन सकती हैं संंयुक्‍त टॉपर, यूपी सरकार लिखेगी चिट्ठी

नीट-2020 (राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा) में शत प्रतिशत यानी 720 में 720 अंक पाकर उत्‍तर प्रदेश का नाम रोशन करने वाली आकांक्षा को सेकेंड टॉपर की बजाए संयुक्‍त रूप से फर्स्‍ट टॉपर घोषित कराने के लिए यूपी सरकार 'नीट' को चिट्ठी लिखेगी। गौरतलब है सभी मामलों में समान होते भी उम्र में छोटी होने के चलते नीट-2020 में आकांक्षा सेकेंड टॉपर घोषित की गईं जबकि शोएब आफताब को फर्स्‍ट टॉपर। बुधवार को लखनऊ में आकांक्षा को सम्‍मानित करने के बाद सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍य सचिव को निर्देश दिया कि वे इस बारे में 'नीट' को पत्र लिखें। बुधवार सुबह लखनऊ के 5 कालीदास मार्ग स्थित आवास पर सीएम ने आकांक्षा सिंह को सम्मानित किया। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर की रहने वाली आकांक्षा सिंह से सीएम ने सुबह 9 बजे मुलाकात की और उन्‍हेंं बधाई दी। आकांक्षा के साथ उनके परिजन भी मौजूद रहे। 


सीएम योगी ने घोषणा की कि टॉपर आकांक्षा की आगे की पूरी पढ़ाई और हास्टल का खर्च उत्तर प्रदेश सरकार उठाएगी। गांव की एक सड़क का नाम भी आकांक्षा के नाम पर होगा। इस मुलाकात के बाद आकांक्षा ने कहा कि सीएम योगी से मिलना मेरे लिए सपने के पूरा होने जैसा है। मिशन शक्ति से मुझे बहुत प्रेरणा मिली है। आकांक्षा के पिता एयर फोर्स रिटायर्ड है और अभी राज्य सरकार द्वारा 31000 चयनित शिक्षकों में शामिल हैं। आकांक्षा की इस शानदार उपलब्धि पर हाल में भारतीय वायुसेना ने भी उन्‍हें बधाई दी थी। मुख्यमंत्री योगी ने आकांक्षा और उनके भाई को एक-एक टेबलेट उपहार में भेंट किया।


टाई ब्रेक पॉलिसी के चलते फर्स्‍ट टॉपर नहीं बन पाईं आकांक्षा 
नीट-2020 के टॉपर राउरकेला के शोएब आफताब रहे हैं। शोएब और कुशीनगर की आकांक्षा दोनों को ही शत प्रतिशत नंबर मिले। यानी 720 में 720। इसके बाद भी आकांक्षा नीट टॉपर नहीं बन सकीं। उनकी ऑल इंडिया रैंकिंग दो रही। आकांक्षा की रैंकिंग को लेकर पहले दिन से ही सोशल मीडिया में खूब चर्चा हो रही है। यहां तक कि बीच में किसी ने आकांक्षा का एक फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाकर एक विवादास्‍पद ट्वीट भी कर दिया था। इसकी शि‍कायत आकांक्षा के माता-पिता ने पुलिस से की थी। लेकिन यह सवाल फिर भी लगातार पूछा जा रहा है कि आखिर सभी मामलों में समान प्रदर्शन के बावजूद आकांक्षा सेकेंड और शोएब फर्स्‍ट टॉपर क्‍यों?  तो आइए आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्‍यों है। असल में इसके लिए जिम्‍मेदार है टाई ब्रेक पालिसी। 


क्‍या है टाई ब्रेक पॉलिसी 
नीट परीक्षा को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) संचालित करती है। नीट में जब दो परिक्षार्थियों के अंक बराबर हों जायें तो रैंकिंग का निर्धारण केेमेस्ट्री और उसके बाद बायोलॉजी के नंबर के आधार पर होता है। लेकिन इसमें भी नंबर समान हों और  रैकिंग का निर्धारण नहीं हो पाए तो सवालों के गलत जवाब को देखा जाता है। इस आधार पर भी रैंकिंग का निर्णय न हो पाने पर उम्र के आधार पर रैंकिंग का निर्धारण होता है। अधिक उम्र वाले विद्यार्थियों को यहां वरीयता मिल जाती है। नीट-2020 की परीक्षा में शत प्रतिशत नंबर पाने वाले शोएब और आकांक्षा के बीच भी रैंकिंग का निर्धारण उम्र के आधार पर हुआ है।