कोरोना के चलते 3 साल पुरानी दरों पर पहुंची फ्लैट की कीमतें

रियल एस्टेट में आई मंदी ने फ्लैट की कीमतों को 3 साल पीछे कर दिया। यानी अब शहर में वर्ष 2017 के रेट पर फ्लैट व मकान मिल रहे हैं। राजधानी लखनऊ के तमाम बड़े बिल्डरों ने 5 से लेकर 15 लाख रुपए तक कीमतों में कमी की है।रियल एस्टेट में मंदी के चलते अब बिल्डर 2017 की कीमत में फ्लैट बेच रहे हैं। फैजाबाद रोड, सुल्तानपुर रोड, सुशांत गोल्फ सिटी, कुर्सी रोड पर कई बिल्डरों ने 5 से लेकर 15 लाख रुपए तक फ्लैट की कीमतें कम की हैं। बिल्डर व क्रेडाई के सदस्य नरेंद्र कुमार मोर्या कहते है 2017 में जिस कीमत में फ्लैट बिक रहे थे 2020 में भी उसी कीमत में बेचे जा रहे हैं। रेडी टू मूव संपत्तियों की कीमतों में भी काफी कमी हुई है। कुर्सी रोड पर जहां पहले 45 से 50 लाख रुपए में तीन बेडरूम के फ्लैट बिक रहे थे वहीं अब कीमत 40 लाख के नीचे आ गयी है। सीजी सिटी में तीन बेड़रूम के फ्लैट जहां 70 लाख में थे वहीं अब 65 तक मिल रहे हैं। सुशान्त गोल्फ सिटी में 80 से 85 लाख के फ्लैट 68 से 70 लाख में बिक रहे हैं। 
 
रि-सेल के फ्लैटों की कीमतों में भी आई कमी


रि-सेल के फ्लैटों व मकानों की कीमतों में भी कमी आई है। गोमती नगर व सुशांत गोल्फ सिटी में रिसेल के फ्लैटों के बेचने के कारोबारी अशोक सिंह कहते हैं कोरोना का असर कीमतों पर काफी पड़ा है। 4 बैडरूम के 80 से 85 लाख के फ्लैट अब 68 से 70 लाख में ही रीसेल में मिल रहे हैं। इस रेट में 2017 में भी फ्लैट नहीं मिल रहे थे।


15000 फ्लैट खाली होने से आई यह स्थिति
राजधानी में करीब 15,000 फ्लैट तैयार हैं। इनके ग्राहक नहीं मिल रहे हैं। त्यौहार में कुछ उम्मीद जगी है। चीफ टाउन प्लानर खुद कहते हैं कि धीरे-धीरे मार्केट उठ रही है। बिल्डरों ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कीमतें कम की हैं।
 
एलडीए, आवास विकास के 14,000 खाली
एलडीए व आवास विकास ने अपने फ्लैट की कीमतें फ्रीज कर रखी हैं। एलडीए ने 2017 से फ्लैट की कीमतें नहीं बढ़ायी। उसने 14% तक कमी भी की है। उसके 4000 फ्लैट खाली हैं। आवास विकास के 10 हजार फ्लैट खाली हैं। उसने भी 7 से 8% कीमतें कम की हैं।