कोरोना काल में आए 2.50 लाख प्रवासियों को यूपी में मिला रोजगार









रोजगार को लेकर राज्य सरकार के दावों की तस्दीक उसके विभिन्न विभागों के आंकड़े भी करने लगे हैं। अकेले श्रम एवं सेवायोजना विभाग के आंकड़ों की बात करें तो इस विभाग के दस्तावेजों के अनुसार कोरोना काल में देश के विभिन्न प्रदेशों से यूपी वापस लौटे 2.50 प्रवासी बेरोजगारों को प्रदेश में रोजगार मिला है।इसके अलावा ग्राम्य विकास, लोक निर्माण, सिंचाई एवं जल संसाधन, लघु सिंचाई, कृषि, उद्यान, मत्स्य, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, ग्रामीण अभियंत्रण विभागों के विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों में भी बड़ी संख्या में प्रवासियों के साथ-साथ प्रदेश के बेरोजगारों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। सबसे अधिक ग्राम्य विकास विभाग के मनरेगा योजना में रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं।


श्रम एवं सेवायोजना विभाग के दस्तावेजों में दर्ज आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में करीब 35 लाख बेरोजगार हैं जबकि कोरोना काल में करीब 37 लाख प्रवासी बेरोजगार वापस अपने प्रदेश यूपी लौटे हैं। इनमें से 2.50 प्रवासियों को रोजगार प्राप्त हो चुके हैं। हालांकि यह आंकड़ा केवल श्रम एवं सेवायोजना विभाग के है। वहीं इस विभाग से सम्बद्ध उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में जिसमें निर्माण कार्य के श्रमिक आते हैं के पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार प्रदश में पंजीकृत निर्माण श्रमिको की संख्या 63.24 लाख है। 


वर्ष 2020-21 में ही 10.95 लाख निर्माण श्रमिकों से इस पोर्टल पर अपना पंजीयन कराया है। इनमें 3.97 लाख श्रमिक ऐसे हैं जिनके पंजीयन का इस वित्तीय वर्ष में नवीनीकरण किया गया है। इसके अलावा जनहित गारंटीअधिनियम के तहत प्रदेश में 29,60,990 सक्रिय निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण नवीनीकरण किया गया है। जानकारों के अनुसार ग्राम्य विभास के अलावा कृषि, उद्यान, मत्स्य, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन जैसे विभागों के कार्यक्रमों व योजनाओं में भी मनरेगा के तहत बड़े पैमाने पर स्थानीय एवं प्रवासियों को रोजगार मुहैय्या कराया गया है।