करहेड़ा में धर्म परिवर्तन पर सियासत तेज, प्रशासन ने बेबुनियाद बताया

ट्रांस हिंडन। साहिबाबाद के करहेड़ा में वाल्मिकी समाज के धर्म परिवर्तन पर सियासत गरमा गई है। आम आदमी पार्टी के नेता धर्मपरिवर्तन की वजह यूपी सरकार में दलितों को न्याय नहीं मिलना बता रहे हैं तो भाजपा के स्थानीय विधायक सुनील शर्मा ने सामूहिक धर्म परिवर्तन को सिरे से नकार दिया है।वहीं देर शाम प्रशासन की जांच में धर्म परिवर्तन के साक्ष्य नहीं मिलने की बात सामने आ रही है एडीएम सिटी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर उन्होंने और एसपी सिटी ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो पाया गया कि धर्मांतरण के कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं हैं। जांच रिपोर्ट में धर्म परिवर्तन के प्रमाण पत्र में कोई मोहर और रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं होने की बात कही गई है।


आप नेता संजय सिंह ने ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा : आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस मामले संबंध में ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है- भाजपा राज में दलितों के लिए न्याय नहीं है। हाथरस कांड से आक्रोशित हिन्दू धर्म छोड़ने वाले वाल्मिकी समाज के लोगों ने दिल्ली के सीएम से मुलाकात कर अपना दर्द साझा किया।


क्या है पूरा मामला : करहेड़ा के वाल्मिकी समाज के लोगों ने बताया कि 14 अक्तूबर को सैकड़ों लोगों ने बौद्ध धर्म अपना लिया था। करहेड़ा के रहने वाले पवन वाल्मीकि(22) पिछले 13 अगस्त को मुंबई स्थित अस्पताल में इलाज कराने के लिए अपने मामा के घर गए थे। इस दौरान पवन मुंबई में राजरत्न आंबेडकर के संपर्क में आए और बौद्ध धर्म की दीक्षा लेते हुए शपथ लीं। इसके बाद पवन ने करहेड़ा लौटकर पड़ोसियों को बताया। पड़ोसियों ने भी उसके रास्ते पर चलने की इच्छा जताई तो उसने राजरत्न आंबेडकर तक संदेश पहुंचाया और करहेड़ा में रहने वाले 70 दलित परिवारों में से 50 परिवारों के 18 वर्ष से अधिक उम्र के 236 लोगों ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। दोपहर को जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय, साहिबाबाद के भाजपा विधायक सुनील शर्मा सहित पुलिस के आलाधिकारी भी करहेड़ा पहुंचे। लोगों बात कर समस्या को खत्म करने का आश्वासन दिया है। वहीं धर्म परिवर्तन करने वालों ने बताया कि हाथरस कांड में दलितों के उत्पीड़न के बाद निर्णय लिया।