कार्ड क्लोनिंग कर हजारों लोगों को ठगने वाले विदेशी दबोचे









शिकंजा : लोगों के बैंक खातों से अब तक करोड़ों रुपये निकाल चुके


सैकड़ों कार्ड, क्लोनिंग मशीन, लैपटॉप और कई उपकरण बरामद


ग्रेटर नोएडा। पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने बुधवार की दोपहर ग्रेटर नोएडा की सोसाइटी से दो विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों एटीएम कार्ड की क्लोनिंग करके हजारों लोगों के बैंक खातों से अब तक करोड़ों रुपये निकाल चुके हैं। पुलिस ने इनके पास से सैकड़ों की संख्या में एटीएम कार्ड, कार्ड क्लोनिंग की मशीन, लैपटॉप, मोबाइल व कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं। यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर के गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सक्रिय था।गौतमबुद्ध नगर के अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) लव कुमार ने बताया कि साइबर अपराध शाखा ने बुधवार की दोपहर एक सूचना के आधार पर बीटा-2 थाना क्षेत्र स्थिति कासा ग्रांड सोसाइटी से अफ्रीकी मूल के दो नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान ओमोन बेनसन निवासी नाइजीरिया और जोनसन उसारो निवासी केन्या के रूप में हुई है। ये दोनों ग्रेटर नोएडा के सेक्टर चाई-5 स्थित कासा ग्रैंड सोसाइटी में रह रहे थे।


पुलिस टीम ने इनके पास से 96 रिराइटेबल एटीएम कार्ड, दो कार्ड क्लोनिंग मोडयूल, दो लैपटॉप, सात मोबाइल फोन, दो पिनहोल कैमरा, तीन पिनहोल कैमरा बैटर, एक डाटाकार्ड, दो पेनड्राइव, एक मेमोरी कार्ड, 17 सीट डेबिट कार्ड का डाटा एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण तथा 10 हजार रुपये नकद बरामद किए हैं। साइबर सेल के प्रभारी बलजीत सिंह ने बताया कि इनके खिलाफ बीटा दो कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया।


पासपोर्ट और वीजा के बारे में जानकारी जुटा रही एलआईयू : साइबर ठगी के आरोप में पकड़े गए विदेशी नागरिकों के दस्तावेजों के जानकारी जुटाई जा रही है। एलआईयू की टीम इनके पासपोर्ट और वीजा के बारे में छानबीन कर रही है। एलआईयू की टीम द्वारा पता लगाया जा रहा है कि दोनों विदेशी नागरिक किस उद्देश्य भारत आए थे। कितने दिन से यहां रुके थे। इसके अलावा इनके अन्य दस्तावेजों के बारे में भी जानकारी एकत्रित की जा रही है। पुलिस ने इस पूरे मामले की सूचना इनकी एंबेसी को भेज दी है। पता चला है कि यह स्टडी वीज़ा पर यहां आए थे।


एटीएम बूथ में लगाते थे मशीन


एडीसीपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह एटीएम बूथ में जाकर कार्ड क्लोनिंग मशीन फिट कर देते थे। वह उसे इस तरह लगते थे कि किसी को उसके बारे में पता न चल सके। इसके बाद जैसे ही कोई व्यक्ति एटीएम से पैसे निकलता तो उसके कार्ड की पूरी डिटेल आरोपियों द्वारा लगाई गई मशीन में आ जाती थी। वह इसी तरह लोगों के एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर धोखाधड़ी से उनका पासवर्ड हासिल कर लेते थे। इसके बाद उनके खातों से लाखों-हजारों रुपये निकाल लेते थे। इन लोगों ने हजारों एटीएम कार्ड की क्लोनिंग करके करोड़ों रुपये निकालने की बात स्वीकार की है।


आरोपियों ने ठगी की रकम अपने देश भेजी


एडिशनल डीसीपी ने बताया कि पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने हजारों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने की बात स्वीकार की है। लेकिन इनके द्वारा बताए गए अकाउंट खाली मिले हैं। जब इनसे पैसे के बारे में जानकारी कि गई तो उन्होंने बताया कि वे सारा पैसा अपने देश भेज चुके हैं। पुलिस इस मामले की गहनता से छानबीन कर रही है।


जिले में 100 से अधिक मुकदमे दर्ज


साइबर ठगी करने वाले इन विदेशी आरोपियों के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। अकेले बीटा दो थाने में इनके खिलाफ 35 मुकदमे दर्ज हैं। ग्रेटर नोएडा में पिछले 3 महीने से यह गिरोह सक्रिय था। पुलिस इनका आपराधिक इतिहास खंगाल रही है।


ग्रेटर नोएडा के 35 एटीएम बूथ के सीसीटीवी में कैद हो चुके


अफ्रीकी मूल के यह दोनों ठग जिले की पुलिस के लिए पिछले दो महीने से सिरदर्द बने थे। साइबर अपराध शाखा की टीम पिछले दो महीने से उनकी तलाश में जुटी थी। साइबर सेल की टीम ने जांच शुरू की तो ग्रेटर नोएडा के एटीएम बूथ की सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई। सीसीटीवी फुटेज और इनकी कद काठी से पुलिस आरोपियों के पास तक पहुंची।


एडिशनल डीसीपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि साइबर टीम को 35 ऐसे एटीएम बूथ के फुटेज मिली जिनमें दो लोग एक ही जैसी कद काठी के दिखाई दिए। लेकिन इनके चेहरे ढके थे। दरअसल, ये दोनों आरोपी मंकी कैप लगाकर एटीएम बूथ में घुसते थे। इसके चलते इनके चेहरे दिखाई नहीं दे रहे थे। लेकिन पुलिस ने कद काठी से इनकी पहचान करने में सफलता प्राप्त की।