असम का जेईई मेन टॉपर 5 दिन की पुलिस हिरासत में, अपनी जगह दूसरे को परीक्षा में बैठाने का आरोप

जेईई मेन परीक्षा 2020 में धांधली के आरोपी छात्र नील नक्षत्र दास, उसके पिता डॉ. ज्योतिर्मय दास एवं तीन अन्य लोगों को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। उन्हें गुवाहाटी चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया था। जेईई मेन परीक्षा के असम टॉपर नील नक्षत्र दास पर आरोप है कि उसने एग्जाम में अपनी जगह किसी दूसरे को बैठाया और 99.8 फीसदी मार्क्स हासिल किए। नील नक्षत्र, उनके पिता डॉ ज्योतिर्मय दास और गुवाहाटी में परीक्षा केंद्र के तीन कर्मचारियों को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था।मित्रदेव शर्मा की ओर से गुवाहाटी के अजारा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक जेईई मेन में 99.8 फीसदी मार्क्स लाने वाला छात्र 5 सितंबर को हुई परीक्षा में बैठा ही नहीं था। 


गुवाहाटी के एडमिश्नल डीसीपी (वेस्ट) सुप्रतिव लाल बरूआ ने कहा, '23 अक्टूबर को इस संबंध में एक शिकायत दर्ज कराई गई है। हमने आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम गठित की है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि छात्र ने परीक्षा में अपनी जगह किसी और को बैठाया था।'


एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि उम्मीदवार को शहर के बोरझार स्थित एक केंद्र में जेईई परीक्षा के लिए उपस्थित होना था। लेकिन बायोमेट्रिक उपस्थिति की औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद वह निरीक्षक की मदद से परीक्षा हॉल से बाहर आया और किसी और ने उस छात्र की जगह परीक्षा दी।


डीसीपी ने कहा कि जेईई परीक्षा देने वाले छात्र द्वारा खुद ही कथित तौर पर एक फोन कॉल के दौरान यह स्वीकार करने के बाद मामला सामने आया है। अभी तक हमारे सामने परीक्षा को लेकर इस तरह का मामला सामने नहीं आया है। 


गुवाहाटी के एडमिश्नल डीसीपी (वेस्ट) सुप्रतिव लाल बरूआ ने कहा, '23 अक्टूबर को इस संबंध में एक शिकायत दर्ज कराई गई है। हमने आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम गठित की है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि छात्र ने परीक्षा में अपनी जगह किसी और को बैठाया था।'


एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि उम्मीदवार को शहर के बोरझार स्थित एक केंद्र में जेईई परीक्षा के लिए उपस्थित होना था। लेकिन बायोमेट्रिक उपस्थिति की औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद वह निरीक्षक की मदद से परीक्षा हॉल से बाहर आया और किसी और ने उस छात्र की जगह परीक्षा दी।


डीसीपी ने कहा कि जेईई परीक्षा देने वाले छात्र द्वारा खुद ही कथित तौर पर एक फोन कॉल के दौरान यह स्वीकार करने के बाद मामला सामने आया है। अभी तक हमारे सामने परीक्षा को लेकर इस तरह का मामला सामने नहीं आया है। 


शिकायतकर्ता का दावा है कि छात्र के माता-पिता डॉक्टर हैं। उन्होंने इस काम के लिए गुवाहाटी के एक प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूट को 15 से 20 लाख रुपये दिए थे।