क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक अधिकारी के अनुसार महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बीबी का मकबरा के बाहरी क्षेत्र में मलबा हटाने के दौरान एक आवासीय भवन जैसा ढांचा पाया गया है।
एएसआई को 400 साल पुराने स्नानघर के अवशेष मिले
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक अधिकारी के अनुसार महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बीबी का मकबरा के बाहरी क्षेत्र में मलबा हटाने के दौरान एक आवासीय भवन जैसा ढांचा पाया गया है। अधिकारी ने बताया, ‘‘पिछले साल, स्मारक के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में मलबा हटाने का कार्य किया गया। हमने एक आवासीय भवन जैसा ढांचा पाया जिसमें एक शौचालय भी है। यह ढांचा बीबी का मकबरा का समकालिक है। ’’ अधिकारी ने कहा कि इलाके में कार्य शीघ्र पूरा हो जाएगा और इसे जल्द ही लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।
क्यों हुई खुदाई
एएसआई ने हमाम (स्नानघर) के अस्तितव की जानकारी मिलने के बाद खुदाई शुरू की। अब तक एएसआई की खुदाई में 36×36 मीटर का स्ट्रक्चर पाया गया है। अधिकारियों का मानना है कि हमाम 1960 के दशक के कुछ समय बाद मिट्टी में ढंक गया था, जब इसके और संरक्षित स्मारक के बीच एक सड़क बिछाई गई थी।
दक्कन का ताजमहल
बीबी का मकबरा को दक्कन के ताजमहल के रूप में भी जाना जाता है। इसका निर्माण मुगलों ने 17वीं सदी में कराया था और यह क्षेत्र में पर्यटकों के आकर्षण का एक मुख्य केंद्र है। शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज के लिए आगरा में ताजमहल बनवाया था, जिसे देखा देखी औरंगजेब के बेटे और शाहजहां के पोते आजम शाह ने ताजमहल से प्रेरित होकर अपनी मां दिलरास बानो बेगम की याद में बीबी का मकबरा बनवाया।