गाजियाबाद जिले का परिसीमन


गाजियाबाद
. डा. अनिला सिंह आर्या.  गाजियाबाद जिले का परिसीमन  बदलता रहा है । पूर्व में  मेरठ, गढ़, हापुड़, मोदीनगर,  मुरादनगर लोनी,पिलखुआ, दादरी, नोयडा तक था ।

फिर सीमाएं  घटती  गयीं ।

एक बार के  जिले  के चुनाव  में  बाकायदा  मतदान  हुआ ।

यह घटना  1993 की है। 

वर्तमान  में दर्जा प्राप्त मंत्री श्री बलदेवराज शर्मा जी भी ज़िला अध्यक्ष  की दौड़ में  थे । हमने भी पर्चा भर दिया  ।

जब पर्चा भरने  वालों की  सूची  पढ़ी गयी तो हमारा नाम  नदारद था ।

हमारे पूछने पर  बताया कि  हो सकता है किसी  त्रुटि के कारण निरस्त कर दिया हो ।

हमने कहा  चलिए कोई  बात नहीं  लेकिन  हमें  पर्चा  दिखा दीजिए  ताकि  हमें  अपनी  ग़लती पता चल जाए ।

पर्चा  ढूँढने पर मिला  नहीं  ।फिर अचानक  दिमाग में  आया कि कूड़ेदान में  झांक लिया जाए  ।

देखने  पर पाया  कि  मुड़ा तुड़ा  हमारा पर्चा  वहाँ आँसू  बहा  रहा था।

हमने  उठा  कर देखा  तो उसमें  कोई  भी  गलती गलती से भी नहीं  थी ।

अंततोगत्वा मतदान हुआ और हम जीत गये ।

बलदेवराज शर्मा जी  जीत कर  जिलाध्यक्ष  बने और हम उपाध्यक्ष बने।

हम लोग कहते हैं  कि  हम एक हैं  परंतु  हम संगठन में  भी शतरंज की  चाले चलते हैं  ।

आपको बताते चलें  कि  आप वही  बलदेवराज शर्मा जी हैं  जो जनसंघ कालीन गाजियाबाद विधानसभा से विधायक का चुनाव लड़े थे परंतु जीत नहीं पाए।