यूपी के सभी जिलों में शुरू होगी संस्कार पाठशाला, बेसिक शिक्षकों के साथ बच्चे पढ़ेंगे संस्कृत के श्लोक
यूपी में हर जिले के कक्षा एक से पांच तक शिक्षकों को संस्कृत भाषा और संस्कार का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

 





















लखनऊ। विकास के साथ ही हम भले ही डिजिटल युग में बढ़ रहे हों, लेकिन संस्कारों की कमी अभिभावकों की नींद उड़ाए हुए है। कांवेंट स्कूल में बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा की बढ़ी होड़ इस चिंता में और इजाफा कर रही है। पढ़ाई के साथ बच्चों को अपनी संस्कृति और संस्कार की जानकारी हो इसके लिए उप्र संस्कृत संस्थानम् की ओर से जिले स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे वे बच्चों को संस्कृत और संस्कार का ज्ञान दे सकेंं। 16 जनवरी से बेसिक शिक्षा विभाग के सहयोग से शिक्षकाें को आनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। हर जिले के कक्षा एक से पांच तक शिक्षकों को संस्कृत भाषा और संस्कार का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

शिक्षकाें के प्रशिक्षण के बाद हर ग्राम पंचायत में बच्चों के लिए संस्कार की पाठशाला खोलने की कवायद शुरू होगी। बच्चों की पाठशाला में कक्षा पांच के नीचे पढऩे वाले बच्चों को संस्कृत भाषा में मंत्रोच्चारण के साथ ही नैतिक शिक्षा और संस्कारों के बारे में पढ़ाया जाएगा। सुबह उठने पर माता-पिता का चरण स्पर्श करना, धरती मां को प्रणाम करना, अनाज और फलों की जानकारी के साथ ही संस्कृत में श्लोकों को सिखाने और उनके महत्व के बारे में भी बच्चों को बताया जाएगा। 

इंटर पास छात्राएं होंगी प्रशिक्षकः प्रशिक्षण के बाद गांवों में संस्कार की पाठशाला में इंटर पास युवतियों को शामिल किया जाएगा जो गांव में ही रहकर पंचायत भवन, ग्रामीण सचिवालय या फिर मंदिर जैसे सार्वजनिक स्थलों पर प्रशिक्षण केंद्र चलाकर बच्चों को संस्कारित करेंगी। करीब दो घंटे की कक्षा का समय बच्चों की सुविधा व मुख्य पढ़ाई के समय को ध्यान में रखकर निर्धारित किया जाएगा।

प्रदेश सरकार की पहल पर उप्र संस्कृत संस्थानम् की ओर से सभी ग्राम पंचायतों में 'चुन्नू-मुन्नू संस्कार पाठशाला खोलने से पहले बेसिक शिक्षकाें को प्रशिक्षण दिया जाएग। 16 जनवरी से शुरुआत होने की संभावना है। बच्चों को संस्कृत के ज्ञान के साथ ही नैतिक संस्कारों के बारे में बताया जाएगा। वाराणसी में प्रशिक्षण शुरू हो चुका है। 

-डा.वाचस्पति मिश्र, अध्यक्ष, उप्र संस्कृत संस्थानम