कोविड वैक्सीन का पुरुषों के प्राइवेट पार्ट पर होता है यह असर, शोध में हुआ चौंका देने वाला खुलासा

कोविड वैक्सीन का पुरुषों के प्राइवेट पार्ट पर होता है यह असर, शोध में हुआ चौंका देने वाला खुलासा

इरेक्टाइल डिसफंक्शन को आम बोलचाल की भाषा में नपुंसकता कहा जाता है। इसमें पुरुषों का प्रजनन अंग शिथिल हो जाता है। ऐसी स्थिति में कई पुरुषों को सेक्स के दौरान इरेक्शन बिलकुल नहीं हो पाता है या फिर अगर होता भी है तो वह कुछ सेकंड में ही खत्म हो जाता है।

कोरोना से संक्रमित लोगों को ब्लड क्लॉटिंग और हार्ट फेलियर जैसी तमाम स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। कई अध्ययनों में सामने आया कि कोरोना वैक्सीन के कारण ना केवल फिजिकल हेल्थ बल्कि सेक्सुअल हेल्थ भी प्रभावित हुई। शोध में पाया गया कि कोरोना वेक्सीन के कारण पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या देखी गई। हालाँकि, अमेरिका के कुछ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोविड-19 वैक्सीन पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने की समस्या कम होती है।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन को आम बोलचाल की भाषा में नपुंसकता कहा जाता है। इसमें पुरुषों का प्रजनन अंग शिथिल हो जाता है। ऐसी स्थिति में कई पुरुषों को सेक्स के दौरान इरेक्शन बिलकुल नहीं हो पाता है या फिर अगर होता भी है तो वह कुछ सेकंड में ही खत्म हो जाता है। आमतौर पर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या 40 साल से अधिक उम्र के पुरुषों में ज्यादा देखी जाती है। लेकिन कोरोना से संक्रमित हो चुके कम उम्र के पुरुषों को भी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। 

हालाँकि, एक्सपर्ट्स के मुताबिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन और कोविड का संबंध तभी हो सकता है जब कोरोना से संक्रमित मरीज को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल आदि कोई बीमारी हो। यानी शरीर के अंदर खून के मार्ग में अगर किसी तरह की बाधा या कोई बीमारी है तो ऐसे पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या होने का जोखिम अधिक होता है। इस स्थिति में यदि व्यक्ति कोरोना संक्रमित है तो यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन  को बढ़ा सकता है।

हालाँकि, ऐसा कोई शोध नहीं है जिससे यह साबित हो सके कि कोरोना वैक्सीन लेने से इरेक्टाइल डिसफंक्शन होता है। वहीं, अगर ऐसे व्यक्ति कोरोना वैक्सीन ले तो यह परेशानी कम हो सकती है। कोरोना वैक्सीन लेने के बाद बॉडी का इम्युन सिस्टम कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित करता है। ऐसे में कोरोना वैक्सीन लेने से कोरोना से सुरक्षा मिलती है और इसके साथ ही वैक्सीन लेने के बाद हार्ट से संबंधित जटिलताएं भी कम हो सकती है।